Nature Protective Shield News : मुरादाबाद के इस गांव के लाेगाें ने प्रकृति को बनाया सुरक्षा कवच, प्राकृतिक तत्वों से कर रहे काेराेना से बचाव

Nature Protective Shield News कुंदरकी के गांव चतीपुर के लोगों ने बुजुर्गों की प्रेरणा और प्रकृति को ही अपना रक्षा कवच बनाकर कोरोना को अभी तक अपने यहां प्रवेश नहीं करने दिया। जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने देहात को भी अपनी चपेट में ले लिया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:13 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:13 PM (IST)
Nature Protective Shield News : मुरादाबाद के इस गांव के लाेगाें ने प्रकृति को बनाया सुरक्षा कवच, प्राकृतिक तत्वों से कर रहे काेराेना से बचाव
Nature Protective Shield News : मुरादाबाद के इस गांव के लाेगाें ने प्रकृति को बनाया सुरक्षा कवच

मुरादाबाद, विपुल जैन। Nature Protective Shield News : कुंदरकी के गांव चतीपुर के लोगों ने बुजुर्गों की प्रेरणा और प्रकृति को ही अपना रक्षा कवच बनाकर कोरोना को अभी तक अपने यहां प्रवेश नहीं करने दिया। जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने देहात को भी अपनी चपेट में ले लिया। सरकार ने कोरोना से जंग जीतने के लिए नई गाइडलाइन सार्वजनिक हुई तो ग्रामीणों ने सावधानी और सकारात्मक बुद्धिमता से नियमों को जीवनशैली में शामिल किया।

गांव चतीपुर की आबादी लगभग 1800 हैं। विषम परिस्थितियों में ग्रामीण राजस्थान, दिल्ली व पंजाब जैसे संक्रमित प्रान्तों से प्रवासी मजदूर गांव आ गए। निगरानी समिति व जागरूक ग्रामीण की टोली ने संक्रमण प्रभावित प्रान्तों से आने वाले 125 से अधिक नागरिकों की सीएचसी कुंदरकी भेजकर कोरोना जांच कराई। इतना ही नागरिकों के लिए सरकारी स्कूल में बंदोबस्त कर क्वारंटइन किया। जबकि, कुछ ग्रामीण को होम आइसोलेट किया गया।

ग्रामीणों ने माडल बनाकर उस पर अमल कर संक्रमण का एक भी केस नही आने दिया। बच्चे, नौजवान, उम्रदराज सभी ने प्राकृतिक संसाधन का लाइफ में इस्तेमाल करने की कवायद जारी रखी है जबकि शारीरिक दूरी का पालन, मास्क का उपयोग, गर्म पानी , सुबह में नमक के गुनगुने पानी से गरारे करना, दिन में एक मर्तबा काढ़ा बनाकर परिवार के साथ पीना, इम्युनिटी पावर बरकरार रखने के संतुलित आहार का सेवन, एक-दूसरे की मदद जैसे सकारात्मक विकारों को अपनाकर अब तक एक भी ग्रामीण वैश्विक महामारी कोरोना की चपेट में आने से दूर हैं।

खेतों में भी दो गज दूरीकोरोना काल में साफ- सफाई ग्रामीणों के लिए अहम हो गई। कम परिधि वाले क्षेत्र में पूर्व में गांव में जलभराव समस्या रहती थीं। ग्रामीणों ने आबादी वाले परिधि क्षेत्र में खुद सफाई का जिम्मा उठाया। साफ सफाई के साथ नुक्कड़ व गलियों में फागिंग स्वयं ही करते हैं। इसके अलावा कोरोना के प्रभाव से बचने के लिए खेतों में मैंथा की नराई और अन्य फसलों की बुबाई ओर खुदाई , आम के बाग में छिड़काव वही ईंट भट्ठों पर गांव के श्रमिक व कृषक शारीरिक श्रम कर पसीना बहाते हैं। इस दरम्यान शारीरिक दूरी का पालन करते हैं।

ग्रामीण भी खेतों में मास्क का पालन करते हैं। गांव के बुजुर्गों ने कोरोना से लोगों को बचाने के लिए बड़ी भूमिका निभाई है। बुजुर्ग लगातार अपने परिजनों व ग्रामीणों को समझाते हैं।

स्वच्छता का ख्याल रखते हुए परिजनों को संतुलित आहार व नियमित गुनगुना पानी व गिलोय के इस्तेमाल कराती हूं, जो रोगों से बचाव में कारगार हैं। जरीना बेगम

किसान खेतों पर श्रमकर पसीना बहाते हैं। कोरोना संक्रमण से वचाव के लिए मास्क, हाथ स्वच्छ व शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए नियमित जागरूक करते हैं। नदीम खान

कोरोना गाइडलाइंस का पालन गांव में सावधानी से करवाया। ईद के पर्व पर सभी ने नमाज घरों में अदा की। जंगलों में निर्मित प्राकृतिक तत्वों का अमल सभी को बताया। शहजाद खां

कोरोना काल मे परिवार के साथ खेतों पर काम करने के साथ खानपान अच्छा रखते हैं। इम्यूनिटी स्ट्रांग करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने व सगे- संबंधियों को प्रेरित करती हूं शकीना जहां

ग्रामीण अंचलों में डोर-टू-डोर प्रतिदिन कोरोना का टेस्ट हो रहा है। अब तक 100 से अधिक कोरोना रोगी ठीक हो चुके हैं। ब्लाक कुंदरकी में कई ऐसे गांव हैं जहां एक भी संक्रमित व्यक्ति नही हैं। डाॅ. आरवी सिंह कुंदरकी 

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