तेज पानी के बहाव में फंसा राष्ट्रीय पक्षी मोर, जानिये रामपुर के ग्रामीणों ने मोर को कैसे बचाया
National Bird Peacock Trapped in Flood in Rampur तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश और रामनगर बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी से कोसी नदी का पानी तेज बहाव के साथ कोसी नदी से सटे गांव में घुसने लगा है।
मुरादाबाद, जेएनएन। National Bird Peacock Trapped in Flood in Rampur : तीन दिन से हो रही मूसलाधार बारिश और रामनगर बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी से कोसी नदी का पानी तेज बहाव के साथ कोसी नदी से सटे गांव में घुसने लगा है। मंगलवार को पानी के तेज बहाव में राष्ट्रीय पक्षी मोर को अपनी चपेट में ले लिया। जैसे ही मोर पानी में बहता हुआ क्षेत्र के गांव चौहद्दा के निकट पहुंचा कि गांव के कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ गई।
ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद मोर को पानी के बहाव से सुरक्षित निकाल लिया। ज्यादा समय पानी में रहने के कारण मोर की तबियत बिगड़ गयी। जिसके चलते मोर उड़ने में असमर्थ हो गया। ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी लेकिन किसी भी वनकर्मी ने बीमार मोर की कोई सुध नहीं ली है। ग्रामीण निजी चिकित्सक से बीमार राष्ट्रीय पक्षी मोर का उपचार करा रहे हैं।
तेज हवा से गिरा शीशम का पेड़, केंटर दुर्घटनाग्रस्त : तेज हवा के साथ हुई मूसलाधार बारिश के चलते मुरादाबाद-बाजपुर मार्ग पर शीशम का पेड़ गिर गया। जिसके चलते मुख्य मार्ग से गुजर रही केंटर गहरे खड्डे में पलट गई। ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को जानकारी दिए जाने के बाद भी किसी वनकर्मी ने मुख्य मार्ग पर गिरे पेड़ को हटवाने की जहमत नहीं उठाई है जिसके चलते मार्ग बाधित हो गया है। बीते तीन दिन से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं के चलते मुरादाबाद-बाजपुर मार्ग पर मानपुर-उत्तरी के निकट बिजलीघर के पीछे शीशम का विशाल पेड़ सड़क पर आ गिरा।
जिसके चलते मार्ग से गुजर रही केंटर अनियंत्रित होकर गहरे खड्डे में पलट गई। दुर्घटना में केंटर चालक मामूली चोटिल हो गया। वहीं मुख्य मार्ग पर पेड़ गिरे रहने से मार्ग बाधित हो गया है। ग्रामीणों ने मामले की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी लेकिन सूचना के बाद भी वन विभाग के अधिकारियों ने मार्ग पर गिरे पेड़ को हटवाने की जहमत नहीं उठाई है। जिसके चलते जहां एक ओर मार्ग बाधित हो गया है वहीं मार्ग पर गुजरने वाले वाहन चालकों के साथ दुर्घटना होने की आशंका बनी हुई है। ग्रामीणों में वन विभाग के खिलाफ भारी रोष व्याप्त है।