किसानों को 50 फीसद अनुदान पर मिलेंगे सरसों और मसूर के बीज
तिलहन और दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को अनुदान पर बीज देने का फैसला लिया गया है। हर ब्लाक पर गोदाम में बीज उपलब्ध हैं। पंजीकृत किसानों को ही यह बीज मिल पाएगा। पिछले साल 916 हेक्टेयर जमीन में किसानों मसूर की खेती की थी।
मुरादाबाद। Registration for seeds on mustard and lentil seeds। तिलहन और दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार सरसों और मसूर की अच्छी वैराइटी के बीज 50 फीसद अनुदान पर देगी। बीज सभी ब्लॉकों के गोदामों में उपलब्ध करा दिया गया है। जिन किसानों का पंजीकरण है, उन किसानों को बीज दे दिया जाएगा।
जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने बताया कि पंतनगर से पीली सरसों-01 का आधारीय बीज हमारे यहां आया है। यह बीज 77.85 रुपये प्रतिकिलो है। जिले को 13.75 क्विंटल बीज आया है। पचास फीसद अनुदान पर पंजीकृत किसानों को यह बीज दिया जाना है। पिछली साल जिले में सरसों का रकबा 25 सौ हेक्टेयर था। इसी के मुताबिक हर ब्लॉक के गोदाम को बीज भिजवा दिया गया है। मसूर में तीन वैराइटी का बीज आया है। पीएल-08 यह आधारीय बीज है। इसका रेट 94.05 रुपये प्रतिकिलो है। यह 23 क्विंटल बीज मिला है। इसके अलावा केएलबी-09-03 और आइपीएल-316 प्रमाणित वैराइटी का बीज आया है। यह 87 रुपये प्रतिकिलो है। इन बीजों पर पचास फीसद अनुदान दिया जाना है। हर ब्लाक पर गोदाम में बीज उपलब्ध हैं। पंजीकृत किसानों को ही यह बीज मिल पाएगा। उन्होंने बताया कि पिछली साल 916 हेक्टेयर जमीन में किसानों मसूर की खेती की थी। इतना ही लक्ष्य मानकर बीज आया है। नए किसान भी पंजीकरण कराकर बीज ले सकते हैं।