कोरोना संक्रमण के पीक में सबसे अधिक बिलारी में हुए प्रसव, स्वास्थ्य विभाग ने किया बेहतर कार्य
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संस्थागत प्रसव में बिलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे अधिक प्रसव हुए। पूरे माह में कुल 114 प्रसव कराए गए। इसमें एक भी आपरेशन से डिलीवरी नहीं कराई गई। जिला महिला अस्पताल में 83 प्रसव नार्मल हुए।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संस्थागत प्रसव में बिलारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सबसे अधिक प्रसव हुए। पूरे माह में कुल 114 प्रसव कराए गए। इसमें एक भी आपरेशन से डिलीवरी नहीं कराई गई। जबकि जिला महिला अस्पताल में नार्मल प्रसव 83 और आपरेशन से 28 डिलीवरी कराई गई। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में सराहना की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने कोरोना काल में महामारी की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने के अभियान के साथ ही संस्थागत प्रसव पर भी ध्यान दिया था। इस वजह से एक माह में संस्थागत प्रसव का रिजल्ट शानदार मिला। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बिलारी स्वास्थ्य कर्मचारियों की सराहना करते हुए सभी सामुदायिक- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इसी फार्मूले को लागू कराने पर जोर दिया है। टीकाकरण के साथ ही संस्थागत प्रसव पर जोर दिया जाएगा। गांव की चौपाल में भी लोगों को बताया जाएगा कि वे संस्थागत प्रसव कराएं। इससे जच्चा-बच्चा दोनों सुरक्षित रहते हैं और किसी तरह की अनहोनी की भी चिंता नहीं रहती है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव की व्यवस्था है। कोरोना के पीक में जिन लोगों का बेहतर प्रदर्शन रहा है। उनका उत्साह वर्धन किया जाएगा। हमारा प्रयास रहेगा कि लोगों को दुश्वारी का सामना नहीं करना पड़े।
डा. एमसी गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
प्राइवेट वाहनों से अस्पताल पहुंच रहे मरीज : रामपुर में एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल रहा। गर्भवती महिलाएं बाइक व प्राइवेट वाहनों से सीएचसी पहुंचीं। मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। एंबुलेंस पर तैनात चालकों एवं कर्मियों की कोरोना संक्रमण काल में मौत होने पर स्वजनों को पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता की मांगों को लेकर 102 व 108 एंबुलेंस कर्मी सोमवार से हड़ताल पर हैं। इससे स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा कर रह गई हैं। बीमार, घायल व गर्भवती महिलाओं को लेकर स्वजन अस्पताल में बाइक व निजी वाहन एवं ई रिक्शा से लेकर पहुंचे। घर जाने के लिए तीमारदार एंबुलेंस का इंतजार करते रहे। मरीजों को सीएचसी ले जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।