ग्राम निधि की धनराशि मनमाने ढंग से खर्च करने में मुरादाबाद के छह एडीओ पंचायत और 20 सचिव प्रशासन के रडार पर

Spending Village Fund Arbitrarily जिले की ग्राम पंचायतों की निधि की धनराशि मनमाने तरीके से खर्च करने वाले छह सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और 20 सचिवों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। पंचायत विभाग के यह सभी कर्मचारी प्रशासन के रडार पर हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:57 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:57 AM (IST)
ग्राम निधि की धनराशि मनमाने ढंग से खर्च करने में मुरादाबाद के छह एडीओ पंचायत और 20 सचिव प्रशासन के रडार पर
प्रशासन शासन को भेज रहा है इनके कारनामों का चिट्ठा

मुरादाबाद, जेएनएन। Spending Village Fund Arbitrarily : जिले की ग्राम पंचायतों की निधि की धनराशि मनमाने तरीके से खर्च करने वाले छह सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) और 20 सचिवों के खिलाफ कार्रवाई होनी तय है। पंचायत विभाग के यह सभी कर्मचारी प्रशासन के रडार पर हैं। कई कर्मचारी तो ऐसे हैं, जिन्होंने नियमों को दरकिनार करके प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद लाखों रुपये की धनराशि निकालकर खर्च कर दी। इसे लेकर जिले की प्रदेश में फजीहत हो रही है।

प्रशासक का कार्यकाल खत्म होने के बाद कई ब्लाकों के गांवों में धनराशि निकाली गई है। नए प्रधानों कार्यभार ग्रहण करने पर भी ऐसे कई मामले पकड़ में आए हैं। जिला विकास अधिकारी गोविंद पाठक ने विकास खंड मूंढापांडे के ग्राम पंचायत दौलरा की निधि के खाते से प्रशासक का कार्यकाल खत्म होने के बाद तीन लाख 46 हजार 875 रुपये निकालने वाले सचिव दयाराम सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। एडीओ पंचायत चंद्रपाल सिंह को शासन ने निलंबित कर दिया है। इसी तरह के और भी कई मामले प्रकाश में आए हैं।

शासन की प्राथमिकता में पंचायत घर बनवाना था। लेकिन, अन्य मदों में धनराशि खर्च मनमानी करने वाले, एक ही कंपनी के नाम पर भुगतान करने वाले करीब 20 गांवों के सचिवों को रडार ले लिया है। इस दायरे में ठाकुरद्वारा ब्लाक को छोड़कर बाकी सभी आ रहे हैं। छजलैट, बिलारी, कुंदरकी, मुरादाबाद, डिलारी और भगतपुर टांडा छह ब्लाक आ रहे हैं। यहां के एडीओ पंचायत पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी है।

इसके पीछे वजह साफ है कि इन्ही को शासन ने प्रशासक बनाया था। सबसे अधिक जिम्मेदारी इन्हीं की थी। प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर 2020 को खत्म हुआ था। इसके बाद करीब चार महीने एडीओ पंचायत ही सभी ब्लाकों में प्रशासक रहे हैं। मुख्य विकास अधिकारी आनंद वर्धन ने बताया कि ऐसे गांवों की सूची बनाई गई है, जहां भुगतान को लेकर गंभीरता नहीं बरती गई है। वहां के सचिवों और ब्लाकों के एडीओ के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

विशेष सचिव ने अफसरों से पूछा जांच में कहा रहा : विशेष सचिव, पंचायती राज विभाग शाहिद मंजर अब्बास रिजवी ने सोमवार को देर शाम सर्किट हाउस में जांच करके लौटे सभी अधिकारियों से शिकायतों के बारे में जानकारी की। उन्होंने अधिकारियों से एक-एक करके बीस गांवों की जांच के बारे में पूछा। सभी अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट उन्हें सौंपी। कुछ गांव अभी जांच के लिए बाकी रह गए हैं। मंगलवार को भी जांच जारी रहेगी। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में संयुक्त रिपोर्ट बनेगी।

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