Moradabad Sports News : स्टेडियम में पूल टेबिल का शुभारंभ, 1200 रुपये मासिक होगा शुल्क

Moradabad Sports News क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने बताया पूल टेबिल का मासिक शुल्क 1200 रुपये निर्धारित किया गया है। यह शुल्क खेल प्रोत्साहन समित के कोष में जमा होगा। जिससे खिलाड़ियों के लिए कई और विकास कार्य किए जाएंगे।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 10:50 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 10:50 AM (IST)
Moradabad Sports News : स्टेडियम में पूल टेबिल का शुभारंभ, 1200 रुपये मासिक होगा शुल्क
जिलाधिकारी ने पूल टेबिल रूम में एसी लगाने के निर्देश दिए।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। जिला खेल विकास एवं प्रोत्साहन समिति की ओर से सोनकपुर स्टेडियम में वियर्डस (पूल टेबिल) की स्थापना की गई है। जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने पूल टेबिल का उद्धाटन किया। जिलाधिकारी ने पूल टेबिल रूम में एसी लगाने के निर्देश दिए।

पूल टेबिल मेरठ से मार्च के महीने में ही आ गई थी लेकिन, स्थापित न होने व कोच न होने के कारण रखी रही। अब पूल टेबिल कोच की भी स्टेडियम में तैनाती हो चुकी है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिमेष सक्सेना ने बताया पूल टेबिल का मासिक शुल्क 1200 रुपये निर्धारित किया गया है। यह शुल्क खेल प्रोत्साहन समित के कोष में जमा होगा। जिससे खिलाड़ियों के लिए कई और विकास कार्य किए जाएंगे। इस मौके पर जिला ओलंपिक संघ के सचिव अजय विक्रम पाठक, जिला टेबिल टेनिस के सचिव योगेंद्र गौतम, डिप्टी कमिश्नर फूड ओमप्रकाश, उपक्रीड़ा अधिकारी अश्वनी कुमार मौजूद रहे।

गंदगी से परेशान लोग : पीतल बस्ती में नाला टूटने से जलभराव तीसरे दिन कम हो गया। जिन 20 घरों में पानी भरा था, उनमें पानी नहीं है लेकिन, कीचड़ व दुर्गंध होने से दुश्वारियां बढ़ गई हैं। शनिवार की रात को नाला टूटने से सिल बट्टा बस्ती की ओर के मकानों में पानी घुस गया था। यह आवास गड्ढे में जाकर बने हुए हैं, जिससे नाला टूटने से जलभराव होने से दिक्कत हुई थी। नगर निगम अफसरों की लापरवाही से इस कालोनी में हर साल पानी भरता है। लोगों का कहना है कि तीन दिन में कोई अफसर देखने तक नहीं पहुंचा। लेकिन, पंप लगाकर जलभराव से राहत मिली। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पहले ही दिन से पंप लगा दिया गया था। क्षेत्रीय नागरिक रमेश के मुताबिक अब पानी घरों से उतर गया है। लेकिन, कीचड़ होने से मुश्किलें हो रही हैं। अनीता कहती हैं कि तीन दिन में जाकर कुछ राहत मिली है। गंदे पानी के कारण दुर्गंध उठ रही है। दवाई का छिड़काव अफसरों ने कराने की सुध नहीं ली। 

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