Moradabad Smart City : कटोरानुमा बसे मुरादाबाद शहर में जलभराव से निपटने नगर निगम अब इस तकनीक का करेगा इस्तेमाल

Moradabad Smart City शहर में जलभराव के दो कारण है एक तो शहर के घरों की व्यवस्थित जल निकासी योजना (कांप्रेंहेंसिव ड्रेनेज प्लान) और दूसरा बारिश से अचानक जलभराव होने से उसको व्यवस्थित करने का तरीका नहीं हैं। घरों का पानी गुलाबबाड़ी एसटीपी में शोधित होेने लगा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 04:10 PM (IST)
Moradabad Smart City : कटोरानुमा बसे मुरादाबाद शहर में जलभराव से निपटने नगर निगम अब इस तकनीक का करेगा इस्तेमाल
जल निकासी योजना पर करीब 51.37 करोड़ रुपये खर्च होंगे

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Smart City : कटोरानुमा बसे शहर की वर्षा के दौरान जलनिकासी को बाहर करने के लिए अब स्मार्ट सिटी में तकनीकी सिस्टम अपनाया जाएगा। शहर में जलभराव के दो कारण है, एक तो शहर के घरों की व्यवस्थित जल निकासी योजना (कांप्रेंहेंसिव ड्रेनेज प्लान) और दूसरा बारिश से अचानक जलभराव होने से उसको व्यवस्थित करने का तरीका नहीं हैं। घरों का पानी सीवर के जरिए गुलाबबाड़ी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट(एसटीपी) में पहुंचकर शोधित होेने लगा है। लेकिन, बारिश का पानी सीवर में जाने से जलभराव को रोकने के लिए शहर के चारों गोलार्द्ध नाला बनाने की योजना है। जल निकासी व्यवस्था पर करीब 51.37 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

इसका प्रथम प्रजेंटेशन देखने के बाद अब मंडलायुक्त एवं स्मार्ट सिटी चेयरमैन को भी कार्ययोजना बताई जागी। तकनीकी राय लेने के लिए आइआइटी रुड़की को डिजाइन करने के लिए भेजे जाएंगे। शहर के अनियोजित तरीके से हुए विकास होने से जलभराव की स्थित व्यापक हो चुकी है। यही नहीं रामगंगा विहार, देव विहार, आशियाना, दीनदयाल नगर, मधुबनी, मानसरोवर कालोनी जैसी विकसित कालोनियों में मुरादाबाद विकास प्राधिकरण तक ने जल निकासी व्यवस्था (ड्रेनेज सिस्टम) पर ध्यान नहीं दिया। अब स्मार्ट सिटी में वर्षा से होने वाले जलभराव को शहर से बाहर करने के लिए चारों ओर गोलार्द्ध नाला बनेगा। इसकी गहराई शहर के पुराने नालों से दो से तीन अधिक होगी। शहर में 24 बड़े नाले अन्य 120 छोटे नालों को जोड़ते हैं। इन 24 नालों की लंबाई करीब 64 किमी है।

बारिश के पानी को सीवर से अलग शोधित करने की होगी व्यवस्थाः शहर में बारिश से जलभराव की निकासी गोलार्द्ध नाले में होगी। शहर के अन्य नालों से दो से तीन गुना गहरा यह गोलार्द्ध नाला होगा। इस नाले से पानी को पंपिंग स्टेशन तक पहुंचाया जाएगा। यहां से शोधित होने के बाद ही रामगंगा नदी और गागन नदी में पानी जाएगा। अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं।

नाला चोक होने पर आइसीसीसी में बजेगा अलार्मः जल निकासी के वृहद प्लान में शहर में नाला चोक होने पर इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड सेंटर (आइसीसीसी) में भी अलार्म बजेगा। जिससे चोक नाले की सफाई के लिए क्षेत्र की टीम को संदेश तुरंत मिलेगा। शहर में ऐसे उपकरण भी लगाने की योजना है। यही नहीं 20 भूमिगत नालों को भी तकनीकी तरीके से साफ करने के लिए नई मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। इसका प्रजेंटेशन भी दिया जा चुका है। भूमिगत नालों के ऊपर बने शोरूम व दुकानों को तोड़ने तक की योजना है।

क्या कहते हैंं अधिकारीः नगर आयुक्त संजय चौहान ने बताया कि शहर में अनियोजित से जलभराव की समस्या बढ़ी है। इसके लिए व्यवस्थित जल निकासी योजना में वर्षा के पानी से होने वाले जलभराव के निस्तारण को वृहद योजना तैयार की है। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी ने शहर का सर्वे करके प्रेजेंटेशन दिया है। आइआइटी रुड़की को तकनीकी रूप से परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।

मुरादाबाद दशहर के बड़े नालेः कटघर, कूड़ा घर, जामा मस्जिद बायां, जामा मस्जिद दायां, घोसियान, बरबलान, नवाबपुरा दायां, नवाबपुरा बायां, एमआइटी, टीडीआइ, रामगंगा विहार मोक्षधाम, विवेकानंद दायां, विवेकानंद बायां, चक्कर की मिलक, जिगर कालोनी, लालबाग, डेहरिया, प्रभात मार्केट, झब्बू का नाला, करूला, चंदौसी रोड बायां, चंदौसी रोड दायां, दिल्ली रोड दायां, दिल्ली रोड बायां।

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