रोहिंग्या का पता लगाने में जुटी मुरादाबाद पुलिस, खानाबदोश की हो रही निगरानी, अधिकारी जुटा रहे जानकारी

त्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस रोहिंग्या को फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में जांच कर रही है। यूपी के कई शहरों के साथ महाराष्ट्र में भी छापेमारी की जा रही है। एटीएस की इस छापेमारी की कार्रवाई के बाद पुलिस अफसरों को स्टैंड मोड मे रखा गया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 01:41 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 01:41 PM (IST)
रोहिंग्या का पता लगाने में जुटी मुरादाबाद पुलिस, खानाबदोश की हो रही निगरानी, अधिकारी जुटा रहे जानकारी
तीन माह पहले भगतपुर टांडा ब्लाक के रूस्तमपुर गांव में 14 रोहिंग्या होने की हुई थी शिकायत।

मुरादाबाद, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस रोहिंग्या को फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में जांच कर रही है। यूपी के कई शहरों के साथ महाराष्ट्र में भी छापेमारी की जा रही है। एटीएस की इस छापेमारी की कार्रवाई के बाद पुलिस अफसरों को स्टैंड मोड मे रखा गया है। गृह विभाग ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि स्थानीय स्तर पर अगर कोइ रोहिंग्या नाम या वल्दियत बदलकर रहा है, तो ऐसे लोगों के बारे में जानकारी हासिल की जाए। इनकी निगरानी करने के साथ ही गतिविधि पर पूरी नजर रखी जाए।

जनपद में बड़े पैमाने पर खानाबदोश लोग घूमते रहते हैं। अक्सर पुलिस इन्हें गरीब और लाचार समझकर छोड़ देती है। लेकिन, बीते कुछ समय में उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में रोहिंग्या भी खानाबदोश के रूप में पकड़े गए हैं। मुरादाबाद जनपद में हालांकि, अभी तक किसी भी रोहिंग्या के होने की जानकारी खुफिया विभाग के साथ ही पुलिस को भी नहीं मिली है। लेकिन गृह विभाग से आदेश जारी होने के बाद अफसरों को सतर्कता बरतने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट के अफसरों के साथ ही थाना स्तर पर पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे लोगों की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए गए हैं, जो अचानक से आकर बस गए हैं। शहर, कस्बे के साथ ग्रामीण इलाकों में भी पुलिस को निगरानी के साथ सूचनाएं एकत्र करने के लिए कहा गया है।

भगतपुर टांडा में रोहिंग्याओं को वोट बनाने की हुई थी शिकायत

इस वर्ष मार्च माह में भगतपुर टांडा ब्लाक के रूस्तमपुर तिगरी गांव निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस अफसरों से शिकायत भेजी थी। जिसमें आरोप लगाए गए थे,एक प्रधान ने 14 रोहिंग्या के मतदाता पहचान पत्र बना दिए हैं। इस शिकायत के बाद बीएलओ पर कार्रवाई करते हुए हटा दिया था। हालांकि बाद में उच्च अधिकारियों के रिपोर्ट में यह दावा किया गया था, कि जिन लोगों के मतदाता पहचान पत्र बनाए गए थे, वह रोहिंग्या नहीं थे, बल्कि खानाबदोश डेरे वाले थे। जो अक्सर अलग-अलग जनपदों में जाकर कुछ दिन रुकने के बाद चले जाते हैं।

जनपद में रोहिंग्या होने की कोई सूचना नहीं प्राप्त हुई है। लेकिन इस संबंध में एलआइयू के साथ ही थाना पुलिस को निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। जो लोग भी अचानक से आकर किसी क्षेत्र में बसे या रहने लगे हैं, उनके बारे में समस्त जानकारी जुटाने के लिए कहा गया है। इस मामले में हम लगातार सतर्कता बरत रहे हैं।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी, मुरादाबाद

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