Moradabad Panchayat Election 2021 : जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बसपा से मंजू का नाम लगभग फाइनल, भाजपा और सपा ने पत्ते नहीं खोले
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए सभी दलों के नेताओं ने सियासी गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैं। बहुजन समाज पार्टी से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू चौधरी का नाम लगभग तय हो गया है। भाजपा और सपा से दो-दो नाम सामने आ रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए सभी दलों के नेताओं ने सियासी गोटियां बिछानी शुरू कर दीं हैं। बहुजन समाज पार्टी से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मंजू चौधरी का नाम लगभग तय हो गया है। भाजपा और सपा से दो-दो नाम सामने आ रहे हैं। लेकिन, अभी तक अधिकृत तौर पर किसी को प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए सियासी घमासान शुरू हो गया है। 39 में से चार निर्दलीय सदस्यों की चुनाव में सबसे अहम भूमिका नजर आ रही है। आम आदमी पार्टी और आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन पार्टी के एक-एक सदस्य का वोट पाने के लिए संभावित प्रत्याशी दिन-रात लगे हुए हैं। उनके रिश्तेदारों से सिफारिश कराई जा रही है। बहुजन समाज पार्टी के नेता अनिल चौधरी की पत्नी मंजू चौधरी पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं। इस बार भी मंजू चुनाव जीतकर आई हैं। इस बार भी बसपा मंजू चौधरी को ही प्रत्याशी बना सकती है। बसपा जिलाध्यक्ष वेद प्रकाश ने बताया कि स्थानीय नेताओं में तो मंजू को लेकर लगभग सहमति बन चुकी है। 12 मई को बसपा के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेता आ रहे हैं। उनकी मुहर लगते ही बसपा का टिकट फाइनल हो जाएगा। भाजपा में डा. शैफाली सिंह और रामवीर सिंह की पत्नी संतोष देवी दो नाम टिकट के लिए चल रहे हैं। हालांकि स्थानीय स्तर पर कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष को शैफाली सिंह का नाम भेजा गया है। पार्टी हाईकमान जिसका नाम तय करेगा, वही चुनाव लड़ेगा। सपा में भी दो नाम सामने आए हैं। दोनों की स्थिति और चुनाव लड़ने के दमखम को परखा जा रहा है। इसके बाद ही किसी एक का नाम फाइनल होगा। तीनों दलों के प्रत्याशियों के नाम फाइनल होने के बाद ही चुनाव के रुख का पता लग पाएगा। अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है कि अध्यक्ष किस पार्टी का होगा।
त्रिकोणीय हो सकता है मुकाबला
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा, सपा और बसपा तीनों ही प्रत्याशी उतारने की तैयारी में हैं। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने की संभावना बनी हुई है। बसपा जिलाध्यक्ष का दावा है कि उनके पास सबसे अधिक 13 जिला पंचायत सदस्य हैं। पार्टी जिलाध्यक्ष चौधरी परिवार से निर्दलीय जीतकर आए जिला पंचायत सदस्य को भी अपना ही मान रहे हैं हालांकि अभी किसी के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। भाजपा के 10 जिला पंचायत सदस्य हैं। वह निर्दलीय को अपना मानकर 14 अपने पास बता रहे हैं। इसी तरह सपा के 11 जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीतकर आए हैं। सपा नेताओं का कहना है कि कई सदस्य उनके संपर्क में हैं। इस तरह तीनों की दलों ने जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी उतारा तो चुनाव बड़ा दिलचस्प होगा। मुकाबला त्रिकोणीय भी हो सकता है। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद जो भी अध्यक्ष बनेगा, उनके लिए सदन को चलाना मुश्किल होगा। उसे काम कराने के लिए एक तिहाई बहुमत जुटाने को कड़ी मशक्कत करनी होगी।