Moradabad Panchayat Election 2021 : बिलारी विधायक की चाची और बहन समेत 18 के नामांकन खारिज, एक वार्ड से सपा को बदलना होगा उम्मीदवार
जिला पंचायत सदस्य चुनाव के निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने जांच के दौरान खामियां मिलने पर बिलारी के सपा विधायक फहीम इरफान के चाची अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां चचेरी बहन फरहीन जहां समेत 18 दावेदारों का पर्चा निरस्त कर दिया।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिला पंचायत सदस्य चुनाव के निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने जांच के दौरान खामियां मिलने पर बिलारी के सपा विधायक फहीम इरफान के चाची अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां चचेरी बहन फरहीन जहां समेत 18 दावेदारों का पर्चा निरस्त कर दिया। मां-बेटी ने झोजा जाति का प्रमाण पत्र लगाकर पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित वार्ड-27 से नामांकन दाखिल किया था।
एडीएम प्रशासन ने बताया कि जिला पंचायत सदस्यों के 39 पदों के लिए अब 685 उम्मीदवार मैदान में हैं। आज सुबह पहले चरण में नाम वापसी की कार्रवाई होगी। इसके बाद दोपहर तीन बजे से उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह बांटे जाएंगे। शासन ने नाम वापसी और चुनाव चिन्ह लेने के लिए कलक्ट्रेट आने के लिए उम्मीदवार और प्रस्तावक को छूट दी है। वह रसीद दिखाकर आ सकते हैं।
वार्ड एक से दंपत्ती और दो भाइयोंं का पर्चा निरस्त
जिला पंचायत के वार्ड एक से इस्लामुद्दीन और उनकी पत्नी मशहर जहां ने नामांकन दाखिल किया था। दोनों के नामांकन निरस्त हो गए। इसी तरह ठाकुरद्वारा की ग्राम पंचायत शरीफनगर के निवर्तमान ग्राम प्रधान मुहम्मद इल्यिास और उनके भाई इफ्तेखार अहमद का पर्चा खारिज हुआ। इल्यिास को समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया था। अब सपा को अपना उम्मीदवार बदलना होगा। वार्ड-11, 13, 17 और 27 से भी दो-दो नामांकन खारिज हुए हैं।
झोजा जाति के प्रमाण पत्र को लेकर विवादों में रहे हैं विधायक के चाचा
निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने अपने आदेश में अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां को बिलारी विधायक के चाचा मुहम्मद उस्मान निवासी मुहम्मद इब्राहीमपुर की पत्नी लिखने के बजाए पुत्री लिखा है। आदेश में कहा है कि अफरोज खानम ने वार्ड-27 के पर्चा दाखिल किया था। जिसमें उन्होंने खुद को झोजा जाति का सदस्य बताया है। यह वार्ड पिछड़ी जाति की महिला के लिए आरक्षित है। वह जांच के दौरान उपस्थित नहीं रहीं। उनका प्रस्तावक भी नहीं आया। जाति प्रमाण पत्र तीन वर्ष की अवधि के लिए सकल वार्षिक आधार पर जारी होता है। चूंकि अफरोज खानम का जाति प्रमाण पत्र नामांकन पत्र दाखिल करने की दिन से तीन वर्ष पहले का है। इस संबंध में उन्होंने तहसीलदार बिलारी से जानकारी प्राप्त की। तहसीलदार बिलारी ने 28 फरवरी 2011 के शासनादेश का हवाला देते हुए बताया कि जांच में मुहम्मद उस्मान सामान्य जाति तुर्क पाए गए। इसके चलते उनका झोजा जाति का प्रमाण पत्र निरस्त किया जा चुका है। सनी लाठर निवासी ग्राम जटपुरा की शिकायत पर जांच हुई थी। इसीलिए उनका नामांकन पत्र निरस्त कर दिया। फरहीन जहां तो मुहम्मद उम्मान की बेटी ही हैं। उन्होंने भी वार्ड 27 से ही पर्चा दाखिल किया था। पिता की जाति के आधार पर फरहीन का नामांकन पत्र भी निरस्त कर दिया गया। मुहम्मद उस्मान अपने झोजा जाति के प्रमाण पत्र को लेकर पहले भी विवादित रह चुके हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कराया था। निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन का दावा हैं कि 18 दावेदारों के नामांकन पत्रों में कई तरह की खामियां मिली हैं। दो नामांकन पत्र जाति प्रमाण पत्र को लेकर खारिज हुए हैं। इसके अलावा कई ऐसे नामांकन पत्र हैं, जिनके प्रस्तावक दूसरे वार्डों के निकले। इसके अलावा भी कुछ नामांकन पत्रों में खामियां मिली हैं।
वार्ड दावेदार पिता/पति का नाम
01 इस्लामुद्दीन जहीरउद्दीन
01 महशर जहां इस्लामुद्दीन
01 इफ्तेखार अहमद निसार अहमद
01 मुहम्मद इल्यिास निसार अहमद
02 रेशू कुमारी रामौतार
06 शाबेज अली मुस्ताक अली
07 विजेंद्री जोशी शिवकुमार जोशी
09 संतोष बाबू लाल उर्फ बाबूराम
11 पिंकी मेहर सिंह
11 सुंजो देवी परम सिंह
13 ज्योति देवी चौधरी राहुल कुमार
13 छाया देवी अंकुल कुमार
15 मुहम्मद परवेज मुहम्मद मोबीन
17 अनूप सिंह छोटेलाल
17 संगीता सिंह अर्जुन कुमार
27 अफरोज खानम मुहम्मद उस्मान
27 फरहीन जहां मुहम्मद उस्मान
28 फातिमा सलीम
अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां मेरी पुत्री नहीं बल्कि पत्नी हैं। सरकार के दबाव में उनको भी मेरी पुत्री मानकर उनका नामांकन निरस्त किया है, जो पूरी तरह असंवैधानिक है। अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां के पिता कल्लू पुत्र इमदाद निवासी मुहम्मद इब्राहिमपुर के पास भी तहसीलदार बिलारी का जारी किया हुआ झोजा जाति का प्रमाण पत्र है। वैसे भी जाति प्रमाण पत्र प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत प्रॉपर्टी होती है। जब तक अफरोज खानम उर्फ अफरोज जहां के पास अपना वैध जाति प्रमाण पत्र है। तब तक उनका पर्चा खारिज किया जाना किसी भी तरह वैधानिक नहीं कहा जा सकता ये सरासर नाइंसाफी है।
मुहम्मद उस्मान, विधायक के चाचा