Moradabad Panchayat Election 2021 : छोटे चुनाव के बड़े वायदेे, गांव में बनवाएंगे लाइब्रेरी, इंटर कालेज भी खुलवाएंगे
पंचायत चुनाव के अंतिम दिनों में प्रत्याशी पूरी ताकत लगा रहे हैं। रिश्ते-नातेदार सबको मना रहे हैं इस बार युवा बड़ी संख्या में चुनाव मैदान में हैं। इसलिए चुनाव हाईटेक होता रहा है। जहां भी जाते हैं एक साथी वीडियो बनाने लगता है।
मुरादाबाद, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कहने को भले ही छोटा है। लेकिन, इसमें प्रत्याशी वायदे बहुत बड़े-बड़े कर रहे हैं। एक गांव के प्रधान पद के प्रत्याशी का दावा है कि प्रधान बनते ही गांव की तस्वीर बदल दूंगा। गांव में बेटियों के लिए इंटर कालेज की व्यवस्था कराऊंगा। बच्चों के पढ़ने के लिए लाइब्रेरी की स्थापना भी सभी के सहयोग से कराई जाएगी।
पंचायत चुनाव के अंतिम दिनों में प्रत्याशी पूरी ताकत लगा रहे हैं। रिश्ते-नातेदार सबको मना रहे हैं, इस बार युवा बड़ी संख्या में चुनाव मैदान में हैं। इसलिए चुनाव हाईटेक होता रहा है। जहां भी जाते हैं, एक साथी वीडियो बनाने लगता है। थोड़ी ही देर में उनके जनसंपर्क और सभा की वीडियो इंटरनेट मीडिया पर नजर आने लगती है। वीडियो पर सब अपने-अपने तरीके से कमेंट भी कर रहे हैं, कोई जिंदाबाद के नारे लगा रहा है तो किसी का कहना है कि अबकी बार हमारी सरकार। वायदों की बात करें तो नई उम्र के लड़कों की साेच अच्छी है। एक प्रधान पद के प्रत्याशी ने अपने गांव में बेटियों के लिए इंटर कालेज बनवाने का भरोसा दिलाया है। उसका कहना है कि बेटियों को पढ़ाई मेरी प्राथमिकता में शामिल है। इसी तरह दूसरे प्रत्याशी ने अपने गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए लाइब्रेरी बनवाने का आश्वासन दिया है। उसका कहना है कि गांव से ही आइएएस और पीसीएस निकलते हैं, इसलिए गांव में लाइब्रेरी होगी तो गरीब बच्चों को भी पढ़ने का मौका मिलेगा। इससे हमारे गांव का नाम पूरी दुनिया में रोशन होगा। इसी तरह जिला पंचायत के प्रत्याशी भी बड़े वायदे कर रहे हैं। एक प्रत्याशी के वायदों में हाटमिक्स की सड़कें शामिल हैं। जिला पंचायत ने चुनाव से पहले ही हाटमिक्स की सड़कों का निर्माण कराने की पहल की है। इससे पहले जिला पंचायत हाटमिक्स की सड़कें नहीं बनाती थी। नई सोच के लोगों के चुनाव मैदान में आने से मुद्दे भी नए-नए आ रहे हैं। युवाओं का ध्यान गांव की पार्टीबंदी नहीं बल्कि शिक्षा पर है। सच्चाई भी यही है विकास का रास्ता शिक्षा से ही होकर जाता है। गांव के लाेग शिक्षित होंगे तो विकास हो ही जाएगा। नेता काम नहीं करेंगे तो करा भी लिया जाएगा। मतदाता भी इसी सोच के साथ जागरूक हो रहे हैं।