Moradabad Panchayat Election 2021 : जिला पंचायत सदस्य पद के 28 लोगों ने नाम वापस लिए, अब 635 मैदान में
जिला पंचायत सदस्य पद के लिए रविवार को 28 दावेदारों ने अपने पर्चे वापस ले लिए। अब चुनावी मैदान में 635 प्रत्याशी बाकी बचे हैं। इसमें सबसे अधिक तीस प्रत्याशी वार्ड आठ पर हैं। दूसरे नंबर पर वार्ड 35 से 29 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए रविवार को 28 दावेदारों ने अपने पर्चे वापस ले लिए। अब चुनावी मैदान में 635 प्रत्याशी बाकी बचे हैं। इसमें सबसे अधिक तीस प्रत्याशी वार्ड आठ पर हैं। दूसरे नंबर पर वार्ड 35 से 29 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। देर शाम तक प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए गए हैं। जिन प्रत्याशियों के रह गए हैं, वह आज लें सकते हैं।
निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन सुरेंद्र सिंह ने देर रात बताया कि वार्ड एक से 14, दो से 21, तीन से 20, चार से 18, पांच से 30, छह से 17, सात से 10, आठ से 25, नौ से 10, 10 से 18, 11 से 13, 12 से आठ, 13 से 17, 14 से 18, 15 से 19, 16 से 19, 17 से 14,18 से 14, 19 से 20, 20 से 15, 21 से 18, 22 से 16, 23 से 14, 24 से 19, 25 से 11, 26 से छह, 27 से 10, 28 से 18, 29 से 17, 30 से 15, 31 से 11, 32 से 15, 33 से 20, 34 से 19, 35 से 29, 36 से 20, 37 से 10, 38 से 12 और 39 से 15 प्रत्याशी मैदान में बचे हैं।
बिलारी विधायक के चाचा ने पर्चे खारिज होने के खिलाफ दिया प्रत्यावेदन
बिलारी विधायक फहीम इरफान के चाचा मुहम्मद उस्मान ने पत्नी और बेटी का पर्चा खारिज हाेने के खिलाफ प्रत्यावेदन दिया है। उनका कहना है कि पत्नी कई बार पिछड़ी जाति के प्रमाण पत्र पर प्रधान रहीं हैं। इस तरह उन्हें चुनाव लड़ने से साजिशन रोका गया है। इसके खिलाफ आला अधिकारियों से शिकायत करेंगे। लेकिन, निर्वाचन अधिकारी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। प्रत्यावेदन में मुहम्मद उस्मान ने कहा है कि उनकी पत्नी अफरोज खानम झोजा जाति के प्रमाण पत्र से ही वर्ष 1995, 2010 और 2015 में मुहम्मद इब्राहीमपुर गांव की प्रधान रह चुकी हैं। जिला स्तरीय कमेटी ने उनकी पत्नी और बेटी का जाति प्रमाण पत्र बनाया है। प्रमाण पत्र पर कहीं नहीं लिखा है कि यह तीन साल से लिए मान्य है। इसके अलावा न ही ऐसा चुनाव आयोग का कोई आदेश है। उनकी पत्नी और बेटी का पर्चा गैर कानूनी तरीके से निरस्त किया गया है। दोनों ही पर्चों पर फिर से विचार करके बहाल किया जाए।