मुरादाबाद नगर निगम लोगों की जान से कर रहा है खिलवाड़, हादसे के बाद भी अधिकारी बेपरवाह

नगर निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं है। ट्रैक्टर जेसीबी डम्पर समेत वाहनों से गोदाम फुल हैं लेकिन लोगों की सुरक्षा के नाम पर हाथ खाली हैं। युवा मोबाइल कारोबारी की मौत का जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन है।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 07:25 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 04:09 PM (IST)
मुरादाबाद नगर निगम लोगों की जान से कर रहा है खिलवाड़, हादसे के बाद भी अधिकारी बेपरवाह
युवा मोबाइल कारोबारी की मौत का जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन है।

मुरादाबाद, जेएनएन। नगर निगम के पास संसाधनों की कमी नहीं है। ट्रैक्टर, जेसीबी, डम्पर समेत वाहनों से गोदाम फुल हैं लेकिन, लोगों की सुरक्षा के नाम पर हाथ खाली हैं। युवा मोबाइल कारोबारी की मौत का जिम्मेदार नगर निगम प्रशासन है। पुलिया, नाला तोड़कर निर्माण व सफाई के नाम पर छोड़ दिए जाते हैं। लेकिन, नगर निगम के पास न बैरिकेडिंग, लाल रस्सी और न कोई संकेतक बोर्ड है। बिना संसाधन खाली हाथ पुलिया तोड़कर निर्माण व सफाई करके जनता की जान से खेलने वाला नगर निगम प्रशासन हादसों से भी सबक नहीं लेता। ईंटें रखकर क्षतिग्रस्त पुलिया की बैरिकेडिंग से नगर निगम काम चला रहा है। ताड़ीखाना पर पुलिया का पत्थर हटाकर सफाई करके ढका तक नहीं। सफाई के चौथे दिन हादसा हुआ है। जिससे साबित होता है कि चार दिन से पत्थर ढका ही नहीं गया था। इस मौत के नाले ने युवा की जान तो ले ली लेकिन, नगर निगम का सिस्टम दम तोड़ गया है। उच्च अफसरों ने सिस्टम को जिन्दा रखने के लिए नोडल अधिकारी बनाए लेकिन, सब कागजों में ही दफन हो गए। नगर निगम का एक भी नोडल अधिकारी अपने जोन में भ्रमण नहीं करता है। सिस्टम बनते रहेंगे और रद्दी की टोकरी में जाते रहेंगे। नोडल अधिकारी जा रहे हैं या नहीं अगर इसको ही चेक करते रहते तो चार दिन से नाले से हटा पत्थर नजर आ जाता। नगर निगम कार्यालय भी घटना स्थल से 800 मीटर की दूरी है, क्षेत्रीय पार्षद भी हैं लेकिन, किसी की चार दिन से खुले नाले पर नजर नहीं गई। गई भी होगी तो ऐसे हादसे की उम्मीद नहीं रखी होगी। लेकिन, हादसे के बाद भी नगर निगम सबक नहीं लेगा। सिस्टम को जिंदा रखने के लिए सुरक्षा इंतजाम व निरीक्षण को मजबूत करना होगा।

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