Moradabad Municipal Corporation : नाले पर बनी होती दीवार तो शायद ग‍िरकर बच्‍चे की न होती मौत, जल्‍द सौंपी जाएगी जांच र‍िपोर्ट

करूला में लाल नगरी के सामने नाले में गिरकर नौ साल के बच्चे की मौत की जिम्मेदारी कोई नहीं लेने वाला। सिस्टम में खामियां जब तक नहीं सुधरेंगी तब तक हादसे दर हादसे होते रहेंगे। एक साल से हर हादसा नए तरीके से हुआ है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:36 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:36 AM (IST)
Moradabad Municipal Corporation : नाले पर बनी होती दीवार तो शायद ग‍िरकर बच्‍चे की न होती मौत, जल्‍द सौंपी जाएगी जांच र‍िपोर्ट
क्षेत्र के पार्षद बोले कि स्लैब से ढकवाएं या दीवार बनवाए नगर निगम।

मुरादाबाद, जेएनएन। करूला में लाल नगरी के सामने नाले में गिरकर नौ साल के बच्चे की मौत की जिम्मेदारी कोई नहीं लेने वाला। सिस्टम में खामियां जब तक नहीं सुधरेंगी तब तक हादसे दर हादसे होते रहेंगे। एक साल से हर हादसा नए तरीके से हुआ है। हादसों के बाद नगर निगम चेता जरूर लेकिन, ऐसी जगह नहीं तलाश पाया जिनसे हादसे न हों। शहर में खुले नाले सफाई के लिए छोड़े जाते हैं लेकिन, इन नालों के किनारे दो फीट की दीवार बन जाए तो अचानक गिरने से हादसे रुक सकते हैं। पांच साल पहले रोडवेज के सामने भी नाला बिना दीवार के था। उस समय एक बैंक मैनेजर की नाले में गिरकर मौत हो गई थी। इसके बाद नगर निगम ने रोडवेज के सामने नाले पर दीवार दो फीट ऊंची दीवार बनवा दी। अगर करूला में सड़क किनारे अवैध झुग्गियां पड़ी हैं तो यह क्यों बसने दी गईं। यह तो झुग्गी में रहने वालों का बच्चा गिरा, जिससे नगर निगम ने गंभीरता से नहीं लिया है। लेकिन, सड़क पर गुजरते वाहन या राहगीर के साथ भी इसी तरह का हादसा हो सकता है।

क्षेत्र के तीन पार्षदों ने नाले पर पत्थर या दीवार कराने की बात उठाई है। वार्ड 27 के नसीम पासा ने कार्यकारिणी में भी यह मुद्दा उठाया था। वार्ड 24 के पार्षद प्रतिनिधि शाकिर भी पत्थर या दीवार बनाने की मांग कर चुके हैं।

मैंने नाले पर पत्थर ढकने का मुद्दा उठाया था। अगर पत्थर नहीं ढक सकते तो दो फीट की दीवार बनाई जाए। लेकिन, कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

नसीम पासा, क्षेत्रीय पार्षद

करूला घनी आबादी क्षेत्र है। नाले पर दीवार बननी चाहिए। जिससे हादसों को रोका जा सके। क्षेत्र के लोग भी मांग कर चुके हैं।

कमाल पाशा

नाले पर दीवार बनी होती तो शायद यह हादसा नहीं होता लेकिन, नगर निगम हादसों के बाद भी जल्दी सुध नहीं लेता है।

इरफान सैफी

बहुत ही दर्दनाक हादसा हुआ है। किसी गरीब का बच्चा मर गया लेकिन, अफसर आए भी और पीड़ित स्वजनों से मिले तक नहीं।

सौहराब

नाले पर दीवार बने या पत्थर ढके जाएं, यह काम जल्दी होना चाहिए। क्योंकि कई हादसे एक साल में हो चुके हैं। अफरोज अली

अपर नगर आयुक्त पहुंचे, हादसे की वजह जानी

नगर आयुक्त अनिल कुमार करूला स्थित लाल नगरी के पास पहुंचे और हादसे की वजह जानी। पीड़ित स्वजनों से बात करने की कोशिश की। लेकिन, महिलाएं कुछ बोलने को तैयार नहीं हुईं। उन्हें डर है कि अवैध रूप से बसी झुग्गी झोपड़ी को हटा न दिया जाए। उनका कहना है कि यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, बच्चा पंतग उड़ाते हुए नाले में गिरा है। दोनों साइड नाले पर पत्थर रख देंगे तो अतिक्रमण हो जाएगा। फिर नाले की सफाई कराना और मुश्किल होगा। इसकी हादसे की रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपने के साथ ही नाले के किनारे दीवार को लेकर नगर आयुक्त से वार्ता की जाएगी। अपर नगर आयुक्त अनिल कुमार सिंह का कहना है इस हादसे की जांच रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंपी जाएगी।

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