Moradabad Municipal Corporation : ड्रेनेज सिस्टम की खराबी दूर करने के ल‍िए एक्सपर्ट करेंगे सर्वे, आइआइटी रुड़की से भी लेंगे सलाह

अब शहर के ड्रेनेज सिस्टम की चौपट व्यवस्था को आइआइटी रुड़की से लेकर सरकारी एजेंसी व कंपनियों के एक्सपर्ट दूर करने को सर्वे करेंगे। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन ने सरकारी एजेंसी व निजी कंपनियों को दस दिन में शहर के नालों की सर्वे रिपोर्ट सौंपने को समय दिया है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 03:35 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 03:35 PM (IST)
Moradabad Municipal Corporation : ड्रेनेज सिस्टम की खराबी दूर करने के ल‍िए एक्सपर्ट करेंगे सर्वे, आइआइटी रुड़की से भी लेंगे सलाह
स्मार्ट सिटी में शामिल किया कांप्रेहेंसिव ड्रेनेज सिस्टम।

मुरादाबाद, जेएनएन। शहर में जलभराव का मर्ज दूर करने के लिए नगर निगम अब गंभीर नजर आ रहा है। नाले के नर्क को दूर करने के लिए नगर निगम ने कांप्रेहेंसिव ड्रेनेज सिस्टम को स्मार्ट सिटी में शामिल कर लिया है। दैनिक जागरण भी शहर में नालों के नर्क को लेकर सिलेसिलेवार खबरें प्रकाशित कर रहा है। इसी का संज्ञान लेकर अब शहर के ड्रेनेज सिस्टम की चौपट व्यवस्था को आइआइटी रुड़की से लेकर सरकारी एजेंसी व कंपनियों के एक्सपर्ट दूर करने को सर्वे करेंगे। इसको लेकर नगर निगम प्रशासन ने सरकारी एजेंसी व निजी कंपनियों को दस दिन में शहर के नालों की सर्वे रिपोर्ट सौंपने को समय दिया है। दस दिन के अंदर यह टीम देखेगी कि जलभराव की समस्या क्‍या है और समाधान किस तरह हो सकता है। जिससे स्मार्ट सिटी से जलभराव का धब्बा न लगे।

सरकारी व निजी कंपनियों के एक्सपर्ट शहर का सर्वे करने के बाद इसकी समस्या के समाधान को प्रजेंटेशन देंगे। जिसका भी प्रजेंटेशन ठीक होगा या दोनों के प्रजेंटेशन में कुछ हिस्सा दोनों का बेहतर होगा तो एक समाहित डिजाइन तैयार करके ड्रेनेज सिस्टम को सुधारने को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। आइआइटी रुड़की को इस प्रोजेक्ट की डिजाइन सुझाव लेने भेजी जाएगी। अगर रुड़की से इसमें बदलाव की गुंजाइश नजर आएगी तो उसको भी शामिल किया जाएगा।

डिजाइन फाइनल होने के बाद बनेगी डीपीआर : नालों का नर्क दूर करने के बाद प्रजेंटेशन के आधार पर डीपीआर तैयार होगी। इसके बाद स्पेशल परपस व्हीकल एसपीबी की बैठक में यह डीपीआर रखी जाएगी। एसपीबी के चेयरमैन एवं मंडलायुक्त की मंजूरी के बाद स्टेट स्तर की तकनीकी समिति के पास भेजी जाएगी। वहां से भी सुधार की गुंजाइश हुई तो डीपीआर में बदलाव किया जा सकता है। स्टेट समिति से मंजूर होने के बाद टेंडर निकाला जाएगा। मंजूर होने के बाद करीब दो साल इस प्रोजेक्ट को पूरे होने में लगेंगे।

शहर में ड्रेनेज सिस्टम सुधारने के लिए कांप्रेहेंसिव ड्रेनेज सिस्टम का प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। सरकारी व निजी कंपनी के एक्सपर्ट दस दिन में शहर का सर्वे करके रिपोर्ट देंगे। इसकी प्रजेंटेशन के बाद आगे की कार्रवाई शुरू होगी।

संजय चौहान, नगर आयुक्त

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