Moradabad Liquor Smuggling Case : राजेंद्र का उत्तराखंड कनेक्शन तलाश रही पुलिस, हर एंगल पर हो रही जांच

हरियाणा में आबकारी शुल्क कम होने की वजह से अंग्रेजी शराब आधे दामों में मिल जाती है। थाना डिलारी के राजपुर केसरिया गांव के राजेंद्र सिंह सैनी के घर के तहखाने में हरियाणा मार्का शराब मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:05 AM (IST)
Moradabad Liquor Smuggling Case : राजेंद्र का उत्तराखंड कनेक्शन तलाश रही पुलिस, हर एंगल पर हो रही जांच
मुरादाबाद पुलिस की टीम हर बिंदु पर छानबीन में जुटी।

मुरादाबाद, जेएनएन। हरियाणा में आबकारी शुल्क कम होने की वजह से अंग्रेजी शराब आधे दामों में मिल जाती है। वहां से शराब की तस्करी करके यूपी समेत कई प्रदेशों में बेची जाती है। थाना डिलारी के राजपुर केसरिया गांव के राजेंद्र सिंह सैनी के घर के तहखाने में हरियाणा मार्का शराब मिलने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। कहीं, हरियाणा मार्का खराब की तस्करी के बहाने राजेंद्र सैनी बड़ा शराब कांड करके सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं कर रहा था। पुलिस की टीम हर एंगल से छानबीन करने में जुटी है। राजेंद्र का उत्तराखंड कनेक्शन भी देखा जा रहा है। पुलिस के पास कई महत्वपूर्ण जानकारियां आईं हैं। जल्द ही उसके नेटवर्क से जुडे़ और भी लोगों पर कार्रवाई हो सकती है।

शराब के कारोबार से जुड़े व्यक्ति ने बताया कि हरियाणा से शराब की तस्करी कोई नई बात नहीं है। तस्करी की सबसे बड़ी वजह आबकारी शुल्क है। हरियाणा सरकार शराब पर अन्य प्रदेश से करीब 30 फीसद आबकारी शुल्क कम लेती है। इसलिए वहां अंग्रेजी शराब बेहद सस्ती है। हरियाणा में 420 रुपये में मिलने वाली बोतल की यूपी में उसकी कीमत करीब 260 रुपये अधिक है। हरियाणा से यूपी, दिल्ली और अन्य प्रदेशों में चार ब्रांड तस्करों के बीच प्रचलित हैं। अपने यहां आबकारी शुल्क अधिक होने की वजह से जो शराब की बोतल 700 रुपये के रेंज वाली है, वह हरियाणा में थोक में 400 रुपये तक आसानी से मिल जाती है।

नकली शराब का तो नहीं है खेल : कुछ लोग हरियाणा की शराब की आड़ में भी नकली शराब बेच रहे हैं। वह शराब की पुरानी बोतल कबाड़ियों से खरीदकर उसमें खेल करके अपनी बनाई हुई भर देते हैं। इसके बाद मशीनों से पैकिंग करा दी जाती है। कहीं ऐसा ही तो नहीं था कि राजेंद्र सैनी भी यही खेल कर रहा था। पुलिस की जांच का एक बिंदु यह भी है। एसपी देहात विद्या सागर मिश्र ने बताया कि राजेंद्र सैनी के पूरे नेटवर्क के बारे में पता कराया जा रहा है। हरियाणा में किसके पास से शराब आती थी, यह भी पता कराया जा रहा है। उसके परिवार के मोबाइलों की काल डिटेल से भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। उसके यहां शराब की बोतलों की पैकिंग तो नहीं होती थी, इसके बारे में छानबीन चल रही है।

शादी-बरात में शराब आपूर्ति का ठेका लेता था तस्कर : डिलारी थाना क्षेत्र के राजपुर केसरिया गांव में घर के तहखाने में दम घुटने से शराब तस्कर राजेंद्र कुमार सैनी, उसके दो बेटों और नौकर की मौत के बाद कई सच सामने आ रहे हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि वह गांव एवं आसपास शराब तस्करी का काम नहीं करता था। शादी-बरात में शराब आपूर्ति का ठेका लेता था। सस्ती शराब के चक्कर में शहर से भी कई लोग उससे शराब मंगाते थे। इसके अलावा अपने नेटवर्क के माध्यम से उत्तराखंड के जनपदों में अवैध शराब भिजवाता था। पुलिस को उसके तहखाने से 888 हरियाणा ब्रांड की शराब की बोतलें मिली हैं। बेटों ने भी उत्तराखंड में शराब की सप्लाई होने की बात दबी जुबान में कही है।

बार्डर पर था राजेंद्र का जलवा : शराब तस्कर राजेंद्र का यूपी और उत्तराखंड के बार्डर पर जलवा था। उसका चेहरा देखते ही गाड़ियां पास हो जाती थीं। उसके घर भी कई रसूखदार लोगों का आना-जाना था। इसलिए गांव वालों की उसकी सामने बोलने की हिम्मत नहीं होती थी। राजेंद्र की मौत के बाद गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। लेकिन, खुलकर कोई उसके परिवार के खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है। प्रशासन के एक अधिकारी ने ग्रामीणों से राजेंद्र के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की। लेकिन, कामयाबी नहीं मिल सकी।

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