Moradabad Liquor Smuggling Case : कई गांवों का सियासी भविष्य तय करता था शराब तस्कर राजेंद्र
राजपुर केसरिया गांव में सादगी से रहने वाले शराब तस्कर राजेंद्र कुमार सैनी की मौत के बाद भी लोग उसके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं है। एक मामूली व्यक्ति की तरह दिखने वाले इस शराब तस्कर की आसपास के गांवों की राजनीति में सीधी दखलंदाजी थी।
मुरादाबाद, जेएनएन। राजपुर केसरिया गांव में सादगी से रहने वाले शराब तस्कर राजेंद्र कुमार सैनी की मौत के बाद भी लोग उसके खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं है। एक मामूली व्यक्ति की तरह दिखने वाले इस शराब तस्कर की आसपास के गांवों की राजनीति में सीधी दखलंदाजी थी। कई गांवों के प्रधान और बीडीसी चुने जाने में उसकी खास भूमिका रहती। पंचायत चुनाव में उसने पैसा लगाया। राजेंद्र सैनी से सिफारिश करने के लिए कई प्रधान तो थाने भी जाते थे।
डिलारी थाना क्षेत्र के राजपुर केसरिया गांव में मिली अवैध शराब के जखीरे ने पुलिस के होश उड़ा दिए हैं। चौकी से महज दो किलोमीटर की दूरी पर अवैध शराब का गोदाम बना हुआ था। लेकिन, पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं लगी। पंचायत चुनाव के दौरान इसी शराब गोदाम से शराब बेची गई। आसपास के क्षेत्रों में जिन भी स्थानों में अवैध शराब जाती थी, वह इसी गांव के गोदाम से जाती थी। ऐसा नहीं है कि पुलिस को इस बात की जानकारी नहीं थी। डिलारी के साथ ठाकुरद्वारा पुलिस को इस पूरे धंधे की जानकारी थी। लेकिन, थाना प्रभारी आंख बंद करके तमाशा देखते रहे। 11 माह के दौरान इन दोनों थाना क्षेत्र में अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी, वह शराब भी इन्हीं तहखानों से निकालकर तस्करी के लिए भेजी गई थी। अवैध शराब तस्करी के धंधे में राजेंद्र कुमार सैनी के परिवार के साथ ही दो ग्राम प्रधान भी साथ दे रहे थे। इन दोनों ग्राम प्रधानों के चुनाव संचालन की जिम्मेदारी भी राजेंद्र ने संभाली थी। पंचायत चुनाव के दौरान अवैध शराब की खेप पहुंचाने के साथ ही आर्थिक मदद भी ग्राम प्रधानों की गई थी। मदद के बदले में ग्राम प्रधान ठाकुरद्वारा और डिलारी थाना क्षेत्र में राजेंद्र की छवि को सुधारने का काम करते थे। हालांकि पुलिस का दावा है कि जो भी लोग शराब तस्करों की मदद कर रहे थे, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। एसएसपी पवन कुमार ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पुलिस ने अवैध शराब का जखीरा मिलने के बाद दस लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई की है। जिसमें चार मृतकों के नाम भी शामिल हैं। इस मुकदमे के छह आरोपितों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। लेकिन, इस घटना में शामिल सफेदपोशों के नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं।