Moradabad Gram Panchayat Chunav Result 2021 : पंचायत चुनाव में सबसे खराब रहा कांग्रेस का प्रदर्शन, मुकाबले में नहीं द‍िखे प्रत्‍याशी

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए पंचायत चुनाव एक टेस्ट की तरह था। कांग्रेस पंचायत चुनाव में अपनी उम्मीदों व दावों पर खरी नहीं उतर पाई। जनपद में संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने हर बूथ पर तैयारी की थी।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:13 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:13 AM (IST)
Moradabad Gram Panchayat Chunav Result 2021 : पंचायत चुनाव में सबसे खराब रहा कांग्रेस का प्रदर्शन, मुकाबले में नहीं द‍िखे प्रत्‍याशी
चुनाव से पहले जिलाध्यक्ष के बीमार होने से भी पड़ा असर

मुरादाबाद, जेएनएन। पंचायत चुनाव में अपनी जमीन पुख्ता करने में जुटी कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन रहा। जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में पार्टी को एक सीट तो दूर कहीं भी कांग्रेस के प्रत्याशी मुकाबले में नहीं दिखे। चुनिंदा वार्डो को छोड़ दें तो पूरे जनपद भर में पार्टी मुकाबले से बाहर नजर आई। इससे कांग्रेस नेताओं को बड़ी मायूसी हाथ लगी है।

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए पंचायत चुनाव एक टेस्ट की तरह था। कांग्रेस पंचायत चुनाव में अपनी उम्मीदों व दावों पर खरी नहीं उतर पाई। जनपद में संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेस ने हर बूथ पर तैयारी की थी। इसके लिए ग्राम प्रधानी से लेकर पंचायत सदस्य पद के चुनाव को लेकर बड़ी जिम्मेदारी ब्लाक अध्यक्षों को सौंपी गई। वार्ड में प्रत्याशी चयन को लेकर भी बड़ी माथा पच्ची हुई, लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता जनपद की सभी 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतार सकें। जनपद भर में कांग्रेस ने अपने 23 वार्डों में उम्मीदवार उतारे थे। प्रत्याशी व कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने प्रचार के लिए फंड भी मुहैया कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन, तमाम कवायद के बाद भी पार्टी का प्रदर्शन लचर रहा। चुनिंदा वार्डों को छोड़ दें तो ज्यादातर वार्ड में पार्टी प्रत्याशी मुख्य मुकाबले से बाहर रहा। वार्ड-34 में कांग्रेस नेता महबूब की पत्नी रेशमा परवीन पांच हजार वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहीं। वह चार सौ वोटों से पिछड़ गई। इसके अलावा वार्ड-1, 6, 8 में कांग्रेस प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। माना जा रहा है कि कांग्रेस के चुनाव की तैयारियों पर जिलाध्यक्ष विनोद गुंबर के बीमार रहने का भी असर पड़ा। संक्रमित होने से उन्हें 20 दिन अस्पताल में रहना पड़ा। माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस का चुनावी प्रबंधन बिगड़ गया। प्रभारियों के संग चुनावी रणनीति बनाई गई। लेकिन चुनाव शुरु होने से पहले जिलाध्यक्ष की हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में रहना पड़ा। इसकी वजह से कांग्रेस की हालत खराब हो गई।

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