40 मिनट 39 सेकेंड में 104 कविताएं पढ़कर मुरादाबाद के चार साल के धीरज ने बनाया इंडिया रिकॉर्ड
कहावत है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात... अर्थात् होनहार बच्चों के लक्षण बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं। ऐसे ही हैं मुरादाबाद के चार साल के धीरज राजपूत। जिन्होंने अदनी उम्र में अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कहावत है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात... अर्थात् होनहार बच्चों के लक्षण बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं। ऐसे ही हैं मुरादाबाद के चार साल के धीरज राजपूत। जिन्होंने अदनी उम्र में अपना नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करा लिया है और मुरादाबाद के नाम एक और उपलब्धि जोड़ दी।
लाइनपार चाउ की बस्ती के रहने वाले भीम सिंह बताते हैं कि उनके पोते धीरज राजपूत ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की ओर से आयोजित अंग्रेजी कविताओं के पाठ में ऑल इंडिया रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया।उन्होंने 40 मिनट 39 सेकेंड में 104 कविताएं याद करके पढ़ी, इससे पहले 100 कविताओं को पढ़ने का रिकॉर्ड था। ऑनलाइन हुई इस प्रतियोगिता में धीरज राजपूत को कोरियर के माध्यम से सर्टिफिकेट और मेडल भेजा गया। उनका कहना है कि छोटी सी उम्र में ही धीरज की याद करने की क्षमता विलक्षण है। उसे अपने स्कूल होमवर्क से लेकर कई चीज़े याद कराने की जरूरत नहीं पड़ती। धीरज की इस उपलब्धि पर उनकी दादी योगेशरानी, मां प्रियंका सिंह और पिता नवीन कुमार ने हर्ष जताया।
विशाखापत्तनम में बस गया परिवार
इस समय धीरज अपने माता और पिता के साथ विशाखापत्तनम में रहते हैं। पिता नवीन कुमार कहते हैं कि एक साल पहले नौकरी के सिलसिले मे उन्हें यहां आना पड़ा। लेकिन, दादा और दादी अभी भी लाइनपार स्थित चाउ की बस्ती के पैतृक आवास में रहते हैं।