Moradabad Education News : फीस वसूली को लेकर याचियों ने लगाया झूठा शपथपत्र देने का आरोप
प्रदेश भर में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के विरोध में याचिकाकर्ता मुखर हैं। याचिकाकर्ताओं ने 12 जुलाई को अधिवक्ता शाश्वत आनंद प्रशांत शुक्ला व अंकुर आज़ाद के माध्यम से शपथपत्र दाखिल कर सरकार पर कोर्ट में झूठा शपथपत्र दाखिल करने का आरोप लगाया है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। प्रदेश भर में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली के विरोध में याचिकाकर्ता मुखर हैं। याचिकाकर्ताओं ने 12 जुलाई को अधिवक्ता शाश्वत आनंद, प्रशांत शुक्ला व अंकुर आज़ाद के माध्यम से शपथपत्र दाखिल कर सरकार पर कोर्ट में झूठा शपथपत्र दाखिल करने का आरोप लगाया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है की सभी स्कूल शासनादेश के विरुद्ध जाकर पहले की तरह फीस वसूल रहे हैं। पिछले साल से आज तक अभिभावकों को एक भी रुपये की छूट नहीं दी गयी है।
बता दें कि अभिभावकों की जनहित याचिका पर बीते 30 जून को सुनवाई कर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था। राज्य सरकार की ओर से शपथपत्र दाखिल कर तीन जुलाई को कहा गया है कि सभी स्कूल सरकार के 20 मई के शासनादेश के अनुसार ही शुल्क वसूल कर रहे हैं। कोई भी निजी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा और कोई फीस, जैसे एग्जाम फीस, स्पोर्ट्स, साइंस लैबोरेटरी, लाइब्रेरी, कंप्यूटर, एनुअल फंक्शन व ट्रांसपोर्ट फीस आदि नहीं ले सकते। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि आनलाइन ट्यूशन क्लास का पूरा आर्थिक भार बच्चों के माता-पिता पर पड़ता है। जिसमें आवश्यक तकनीकी बुनियादी ढांचे की स्थापना की लागत, जैसे महंगे लैपटाप, टेबलेट या स्मार्ट फोन का खर्च, महंगे इंटरनेट कनेक्शन, अधिक बिजली बिल, आदि शामिल हैं। ऐसी परिस्थिति में स्कूलों द्वारा ली जाने वाले ट्यूशन फीस में भी अभिभावकों व छात्रों को न्यूनतम 50 फीसद की छूट मिलनी चाहिए। कम्पोजिट फीस वसूली बंद की जाए। इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को हाईकोर्ट में होनी है।
संकीर्तन में जुटे भक्त : आवास विकास कॉलोनी में संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान विख्यात कथा वाचक अनुराग कृष्ण पाठक ने हरिनाम संकीर्तन के साथ ही भगवान के स्वरूपों का वर्णन किया। उन्होंने कहा मानव सेवा सबसे बड़ी सेवा है। कलयुग में भगवान के नाम का जप ही सबसे बड़ा तप है। इस दौरान गिरीश भंडूला, धर्मेंद्र नाथ मिश्र के साथ अन्य लोग मौजूद रहे।