Moradabad Education News : आरटीई की लाॅटरी निकलने के बाद भी 4762 छात्रों के प्रवेश अभी नहीं हुए

शिक्षा का अधिकार(आरटीई) कानून के तहत कोरोना काल में गरीबों के बच्चों के प्रवेश भी फंसे हुए हैं। पहली और दूसरी लाटरी निकालने के बाद बीएसए कार्यालय से आवंटित स्कूलों के नाम पर पत्र जारी कर दिए हैं। लेकिन स्कूल बंद होने से अभी प्रवेश प्रक्रिया धीमी है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 04:32 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 04:32 PM (IST)
Moradabad Education News : आरटीई की लाॅटरी निकलने के बाद भी 4762 छात्रों के प्रवेश अभी नहीं हुए
अब तक निकल चुकी पब्लिक स्कूलों में प्रवेश के लिए दो लाटरी।

मुरादाबाद, जेएनएन। शिक्षा का अधिकार(आरटीई) कानून के तहत कोरोना काल में गरीबों के बच्चों के प्रवेश भी फंसे हुए हैं। पहली और दूसरी लाटरी निकालने के बाद बीएसए कार्यालय से आवंटित स्कूलों के नाम पर पत्र जारी कर दिए हैं। लेकिन, स्कूल बंद होने से अभी प्रवेश प्रक्रिया धीमी है।

अभिभावक बीएसए कार्यालय से जारी पत्र लेकर स्कूलों में पहुंच रहे हैं लेकिन, वहां मौजूद स्टाफ जुलाई में आने की बात कहकर टाल रहे हैं। पांच अप्रैल को लाटरी खुली थी, जिसमें 2254 को आरटीई में निश्शुल्क प्रवेश के लिए स्कूल आवंटित हो चुके हैं। इनके अभिभावकों को आवंटित स्कूलों के नाम पर पत्र भी जारी हो गए हैं। दूसरी लाटरी एक सप्ताह पहले खुल चुकी है। इसमें 2506 बच्चों को उनके आवास से एक किमी के दायरे में स्कूल आवंटित कर दिए गए हैं। इनके भी आवंटित स्कूलों के नाम पर पत्र जारी किए जा रहे हैं। कुल 4762 बच्चों के प्रवेश होने हैं। लेकिन, स्कूलों में स्टाफ के आने के बाद भी प्रवेश नहीं लिए जा रहे हैं। बीएसए योगेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पहली लाटरी के सभी को पत्र जारी कर दिए हैं। दूसरी के भी जारी करने शुरू हो गए हैं।

दो बच्‍चों के कानून के ल‍िए सौंपा ज्ञापन : अमरोहा के मंडी धनौरा में जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने दो बच्चों का कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में तहसील मुख्यालय पर पहुंचे। यहां उन्होंने दो बच्चों का कानून लागू किए जाने की मांग को लेकर उप जिलाधिकारी मांगेराम चौहान को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि देश में बढ़ती जनसंख्या एक गंभीर समस्या है। इसकी रोकथाम को लेकर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाना न्यायोचित है। इस मौके पर राजेश संजीव आदि मौजूद थे।

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