उप्र में गन्ना की उपज में मुरादाबाद मंडल के किसान दूसरे नंबर पर, कई पुरस्कार झटके

गन्ने की पैदावार करने में पश्चिमी उत्तर के किसानों का दबदबा रहा। पेड़ी संवर्ग में तीनों पुरस्कार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने ही जीत लिए। पौधा संवर्ग में मुरादाबाद मंडल के बिजनौर के किसान दूसरे नंबर पर रहे।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 01:25 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 01:25 PM (IST)
उप्र में गन्ना की उपज में मुरादाबाद मंडल के किसान दूसरे नंबर पर, कई पुरस्कार झटके
उप्र में गन्ना की उपज में मुरादाबाद मंडल के किसान दूसरे नंबर पर, कई पुरस्कार झटके

मुरादाबाद, जेएनएन। गन्ने की पैदावार करने में पश्चिमी उत्तर के किसानों का दबदबा रहा। पेड़ी संवर्ग में तीनों पुरस्कार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों ने ही जीत लिए। पौधा संवर्ग में मुरादाबाद मंडल के बिजनौर के किसान दूसरे नंबर पर रहे। चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री ने डाली बाग, लखनऊ में गन्ने की अच्छी पैदावार करने वाले किसानों को भव्य समारोह में पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।

शुक्रवार को गन्ना विकास विभाग ने राज्य गन्ना प्रतियोगिता वर्ष 2019-20 के परिणाम की घोषणा कर दी है। मुरादाबाद के गन्ना उपायुक्त अजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में इस प्रतियोगिता के लिए 107 आवेदन मिले थे। इसके लिए गन्ना फसल प्रतियोगी खेती की कटाई के लिए राज्य स्तर से अधिकारी नामित किए गए थे। नामित कटाई अधिकारियों के माध्यम से कृषकों को विजयी घोषित किया गया। पेड़ी संवर्ग में जोन टोडरपुर जिला सहारनपुर के सुभाषचंद्र ने 2329.50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज पैदा करके प्रथम स्थान प्राप्त किया। शामली जिले के किसान सत्यप्रकाश ने 1851 क्विटंल प्रति हेक्टेयर उपज पैदा करके दूसरा स्थान प्राप्त किया। मोदीनगर (गाजियाबाद) के किसान रणवीर सिंह ने 1388 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज पैदा करके तीसरा स्थान प्राप्त किया है। पौधा संवर्ग में नवाबगंज, गोण्डा के सत्यप्रकाश ने 2121 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की उपज पैदा करके प्रथम स्थान प्राप्त किया है। गन्ने की 2069 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज पैदा करने में चांदपुर(बिजनौर) के किसान जगत सिंह दूसरे स्थान पर रहे। बिजनौर के ही धामपुर के रहने वाले किसान ब्रह्मपाल सिंह 1902 क्विंटल प्रति हेक्टेयर गन्ने की पैदावार करके तीसरे स्थान पर रहे। सामान्य पाैधा संवर्ग में किसी किसान का आवेदन ही नहीं आया। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार के तौर पर दस हजार रुपये, द्वितीय को सात हजार रुपये और तृतीय पुरस्कार पांच हजार रुपये दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस तरह की प्रतियोगिताएं गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए कराई जा रही हैं।

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