मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के 106 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्त

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने अशियाना मधुबनी एकता विहार रामगंगा विहार आदि योजनाओं के समय वर्ष 2011 से पहले दैनिक वेतन भोगी 106 कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। इनमें मेट सफाई कर्मचारी माली के अलावा ट्रैक्टर चालक के पद पर भर्ती हुई थी।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Sun, 27 Dec 2020 03:37 PM (IST) Updated:Sun, 27 Dec 2020 03:37 PM (IST)
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के 106 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा समाप्त
सेवा विस्तार की फाइल पर एमडीएम उपाध्यक्ष ने नहीं किए हस्ताक्षर।

मुरादाबाद, जेएनएन। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण में करीब 20 साल से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले 106 लोगों की सेवा समाप्त कर दी गई है। एमडीए उपाध्यक्ष यशु रुस्तगी को उनकी सेवा विस्तार की फाइल पर स्वीकृति देनी थी। लेकिन, उन्होंने स्वीकृति प्रदान नहीं की है। इससे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के परिवार में मायूसी छा गई है। कर्मचारी नेता आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। 

मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने अशियाना, मधुबनी, एकता विहार, रामगंगा विहार  आदि योजनाओं के समय वर्ष 2011 से पहले दैनिक वेतन भोगी 106 कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। इनमें मेट, सफाई कर्मचारी, माली के अलावा ट्रैक्टर चालक के पद पर भर्ती हुई थी। इनकी भर्ती में शर्तें यह थीं कि योजनाओं के पूरे होने के बाद सेवाएं समाप्त कर दी जाएंंगी। लेकिन, पूर्व के अधिकारियों ने कर्मचारियों को हटाने के बजाय उन्हें संरक्षण देने का काम शुरू कर दिया। एमडीए बोर्ड ने इन कर्मचारियों का मानदेय 18 हजार कर दिया, जबकि शासनादेश के मुताबिक कुशल कर्मचारियों को 10 से 11 हजार और अकुशल को आठ से नौ हजार रुपये तक का मानदेय दिया जा सकता है। एमडीए उपाध्यक्ष ने हाल ही में हुई बोर्ड की बैठक में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के मानदेय कम करने के प्रस्ताव रखा था। लेकिन, बोर्ड के सदस्यों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देने से मना कर दिया है। बोर्ड के सदस्यों का कहना था कि हम किसी की नौकरी नहीं ले सकते। इस पर एमडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर बोर्ड चाहता है तो एप्रूवल दे दे, मुझे  कोई आपत्ति नहीं है। पूर्व अधिकारियों की तरह वह एप्रूवल नहीं देंगी। 

कर्मचारी सोमवार से नहीं आएंगे काम पर  

शनिवार को सभी कर्मचारियों का कार्यकाल खत्म हो गया। लेकिन, उपाध्यक्ष ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के नौकरी में बने रहने वाली फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। जिसके चलते अब वे सोमवार से काम पर नहीं आएंगे। एमडीए उपाध्यक्ष 89 दिन के सेवा विस्तार की फाइल पर हस्ताक्षर करतीं तो सभी नौकरी में बने रहते। एमडीए सचिव सर्वेश कुमार गुप्ता ने बताया कि उपाध्यक्ष को हर 89 दिन में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की सेवा विस्तार फाइल पर एप्रूवल देना होता है। लेकिन, इस बार नहीं दिया। सारे कर्मचारी भी यह वजह जानते हैं। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को योजनाओं के पूरा होने तक के लिए रखा गया था। योजनाएं पूरी होने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया। शासन ऐसे करने वाले अधिकारियों के नाम बार-बार पूछ रहा है। ऐसे में कोई भी अधिकारी खुद को क्यों फंसाएगा। हमने सभी कर्मचारियों को ऑफर दिया है, जो कर्मचारी शासनादेश के मुताबिक नौकरी करने के आवेदन देंगे, उस पर विचार होगा। 

भावाधस ने दी आंदोलन की चेतावनी

भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज की बैठक में कर्मचारी नेता लल्ला बाबू द्रविड़ ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जाना बर्दाश्त नहीं होगा। एक सप्ताह के अंदर मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने कर्मचारियों के संबंध में कोई ठोक फैसला नहीं लिया तो इसे लेकर आंदोलन किया जाएगा। हमने हमेशा पीडि़तों की लड़ाई लड़ी है। यह लड़ाई भी हम पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। बैठक में एमडीए से निकाले गए कर्मचारी भी मौजूद रहे। बैठक में सुधीर कुमार, राजाराम, संजय कुमार, यादराम, राजेश बाबू, सूर्यांश खन्ना, संजय कुमार सत्संगी, खिम्मो देवी आदि मौजूद रहे। 

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