Moradabad Coronavirus News : कोरोना संक्रमण में बढ़ रहे मानसिक रोगी, डर से पैदा हो रहीं दूसरी बीमारियां
वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ने और संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत होने की सूचना लगातार आ रही है। इसका असर सामान्य लोगों पर दिखाई देना शुरू हो गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना से अधिक घातक कोरोना का डर साबित हो रहा है। डर से लोगों में मानसिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। इसके कारण मानिसक रोग विशेषज्ञ के पास रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ने और संक्रमण के कारण कुछ लोगों की मौत होने की सूचना आ रही है। इसका असर सामान्य लोगों पर दिखाई देना शुरू हो गया है। कुछ गंभीर रोगियों को छोड़कर कोरोना आम लोगों के लिए घातक नहीं है।
क्वारंटाइन होकर या अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने के बाद बड़ी संख्या में रोगी ठीक हो रहे हैं। इसके बाद भी लोगों में कोरोना को लेकर डर है। अधिकांश लोगों को लगता है कि कोरोना संक्रमित हो जाएंगे तो उसका भविष्य क्या होगा, परिवार की क्या स्थिति होगी। निगेटिव सोच के कारण लोगों में निराशा का भाव उत्पन्न हो रहा है। कुछ लोग इतना तनाव में आ जा रहे हैं कि उन्हें मानसिक चिकित्सक के पास इलाज कराने के लिए लाना पड़ रहा है। डा. नीरज ने उदाहरण देते हुए बताया कि जिले के एक गांव से 35 वर्षीय युवक को परिवार वाले इलाज के लिए लाए थे। युवक लगातर यह कह रहा था उसके भाई को कोरोना हो गया है, अब उसके परिवार का क्या होगा। युवक कभी रोना शुरू कर देता है तो कभी चिल्लाने लगता। युवक कोरोना की डर से मानसिक रोगी बना गया है।
ये है बचने का तरीका
डाक्टर कहते हैं कि अन्य कारण से मानसिक बीमार रोगी इलाज कराने आते हैं, वह भी कोरोना के डर को लेकर सवाल पूछते हैं। कोरोना के डर से बचने व मानसिक तनाव कम करने के बारे में डा. नीरज गुप्ता ने बताया कि इसके लिए लोगों की काउंसिलिंग करना जरूरी है। तनाव के बचने के लिए लोगों को समय से सोना, समय से उठाना, योग करना की सलाह दी जाती है। लोगो को कोरोना से डरने के बजाय उससे बचाव के तरीका अपनाने की सलाह दिया जाना चाहिए। तनाव के बचने के लिए मोबाइल द्वारा परिवार के लोगों से लगातार वार्ता करते रहना चाहिए।