Moradabad coronavirus news : डायलिसिस मरीज नहीं हुए संक्रमित, हर बार आई निगेटिव रिपोर्ट, देेखें आंकड़ा
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डायलिसिस के मरीज संक्रमण की चपेट में नहीं आए। मरीजों ने खुद को संक्रमण से बचाए रखने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया। डायलिसिस यूनिट में भी शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन कराया गया।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डायलिसिस के मरीज संक्रमण की चपेट में नहीं आए। मरीजों ने खुद को संक्रमण से बचाए रखने के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया। डायलिसिस यूनिट में भी शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन कराया गया। मरीज की पहले कोविड रिपोर्ट कराई जा रही थी। इसके बाद ही इलाज की सुविधा दी गई।
जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट मरीजों के लिए संजीवनी साबित हुई। डायलिसिस के मरीज संक्रमण का शिकार नहीं हुए। इसके लिए उनकी इच्छाशक्ति भी बहुत सहायक साबित हुई। एक भी दिन मरीजों का उपचार नहीं रोका गया। संक्रमण से बचने के लिए यूनिट में भी नियमों में बदलाव कर दिया गया था। किसी मरीज को डायलिसिस करानी है तो उसने पहले मैनेजर के नंबर पर काल की। उनके द्वारा दिए गए समय पर पहुंचे। इसके साथ ही कोविड रिपोर्ट भी उनके साथ होती थी। इस वजह से यूनिट में बेड पर लेटने वाला मरीज संक्रमण का शिकार नहीं हुआ।
आंकड़ों पर एक नजर
15 जून 2021 तक, 249,
मई 2021 माह में 553,
अप्रैल 2021 में 520,
मार्च 2021 में 490,
फरवरी 2021 में 580,
जनवरी 2021 में 600
डायलिसिस यूनिट में शारीरिक दूरी का पालन : जिला अस्पताल में डायलिसिस यूनिट में शारीरिक दूरी के नियम का कड़ाई से पालन कराया गया। मरीजों को शिफ्टवार बुलाया गया। जिससे यूनिट में आपाधापी न हो। इसके लिए विशेष इंतजाम कर दिया गया था। एक नंबर मरीजों को दे दिया गया था। जिससे वो लोग पहले बात कर लें। इसके बाद दिए गए समय पर पहुंच जाएं।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सभी मरीजों को डायलिसिस की सुविधा मिलती रही। इसके लिए इंतजाम करा दिए गए थे। जिससे कोई संक्रमित न हो। दूरी के मशीने लगा दी गई थी। सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही। खुद मरीजों ने भी पूरी सावधानी रखी।
डॉ. शिव सिंह, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक
दूसरी लहर में डायलिसिस यूनिट ने सराहनीय कार्य किया है। बिना किसी परेशानी के मरीजों को समयानुसार डायलिसिस किया गया। इसके साथ ही उनके लिए अलग व्यवस्था भी करा दी थी। जिससे उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।
डॉ. राजेंद्र कुमार, चिकित्सा अधीक्षक