Moradabad Coronavirus News : कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कारागार से रिहा किए गए 93 बंदी
कोरोना के चलते महामारी के खतरे को देखते हुए कारागार में बंदियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में सात साल से कम सजा पाए व विचाराधीन बंदियों को रिहा करने की कार्रवाई की गई।
मुरादाबाद, जेएनएन। कोरोना के चलते महामारी के खतरे को देखते हुए कारागार में बंदियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में सात साल से कम सजा पाए व विचाराधीन बंदियों को रिहा करने की कार्रवाई की गई।
जेल प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि कारागार से तीन जनपदों के 93 बंदियों को रिहाई की गई। इन बंदियों को दो माह की पेरोल पर छोड़ा गया है। जेल से रिहा होते ही बंदियों के चेहरे पर खुशी झलक रही थी। सभी बंदियों को पुलिस की सुरक्षा में उनके घरों तक भिजवाने की कार्रवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक बार फिर सूबे की जेलों से बंदियों को पेरोल पर छोड़ने की कार्रवाई शुरू हो गई है। जिला कारागार में साढ़े छह सौ बंदियों की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में क्षमता से चार गुना अधिक बंदी कारागार में बंद हैं। ऐसे में शारीरिक दूरी का पालन हो पाना कारागार में संभव नहीं है। जिला कारागार से कुल 93 बंदियों को रिहा किया गया। जिसमें मुरादाबाद के 25, संभल के 48, व अमरोहा के 20 बंदियों को पेरोल पर रिहा किया गया। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बंदियों को रिहा करने की कार्रवाई की जा रही है। जो भी बंदी नियमों के तहत आएगा उसे पेरोल पर छोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।