Moradabad Captive Live : दोगुने दाम पर बिका तंबाकू, आम के नहीं मिले उचित दाम, बाजारों में सन्नाटा
Moradabad Captive Live बंदी का मुरादाबाद मंडल में व्यापक असर देखने को मिला। मुरादाबाद रामपुर अमरोहा और सम्भल के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा।
मुरादाबाद, जेएनएन। जिले में 55 घंटे की बंदी का असर दिखना शुरू हो गया है। प्रतिबंध के बीच ही सम्भल में ओबरी में किराने की दुकान पर पान मसाला खरीदने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बेचने वालों ने भी इसका पूरा फायदा उठाया। वहींं मुरादाबाद के बाजारा भी सुनसान रहे।
सम्भल में आलम ये रहा कि कुछ देर बाद ही 18 रुपये का गृुटखा 40 का हो गया। कुछ देर में दुकानदारों ने इसके खत्म होने की जानकारी दे दी। चंदवार गांव में रोजाना सब्जी लगा करती थी। शनिवार को मंडी तो नहीं लगी लेकिन व्यापारियों ने इधर-उधर बैठकर 1050 रुपये बिकने वाला आलू का कट्टा 1250 रुपये का बेचा। जबकि बंदी की सूचना मिलने पर शुक्रवार देर शाम मनौटा पुल पर ठेला लगा कर आम बेचने वालों ने कम दामो में आम बेचा मुरादाबाद के बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। देहात के इलाकों के बाजारों में भी सन्नाटा छाया रहा। एसपी देहात लगातार इलाके में दौरा करते रहे। बिना मास्क लगाकर चलने वालों से जुर्माना भी वसूला गया।
नोडल अधिकारी ने शहर में भ्रमण कर बंदी की स्थिति का जायजा लिया
अमरोहा में बंद के दौरान शहर व देहात की सड़कें पूरी तरह सूनी रहीं। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। नोडल अधिकारी अरविंद मलप्पा बंगारी, जिलाधिकारी उमेश मिश्र व पुलिस अधीक्षक डॉ.विपिन ताडा ने शहर में भ्रमण कर बंद के हालातों को जाना और लोगों से अपील की कि बगैर कार्य के कोई भी घर से बाहर न निकले। मास्क अवश्य रूप से पहनें। इधर पुलिस के डर की वजह से भी लोग पूरे दिन घरों में ही कैद रहे। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार ने 55 घंटे का बंद घोषित किया है। शुक्रवार की रात दस बजे से बंद शुरू हो गया है। शनिवार की सुबह से ही लोग अपने घरों बंद रहे। पुलिस के बढ़ते मूवमेंट की वजह से किसी ने भी घर से बाहर निकलने की जहमत नहीं उठाई। जिधर भी नजर गई वहीं पर दूर तक सूनी सड़कें और सन्नाटा ही दिखाई दिया। जिन बाजारों में कल तक चहल पहल थी, उनमें आज खामोशी बनी रही। इक्का दुक्का लोग भी नजर नहीं आए। करीब दस बजे नोडल अधिकारी, जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक डॉ.विपिन ताडा ने शहर में घूमकर बंद की स्थिति का जायजा लिया। बेवजह लोगों से घरों से बाहर न निकलने का आह्वान किया। हां, कुछ मेडिकल स्टोर अवश्य खुले रहे। जहां पर अधिकारियों ने शारीरिक दूरी का पालन पाया और लोगों को पूरी सावधानी बरतने की अपील की। बंद को पूरी तरह सफल बनाने के लिए कहा।
55 घंटों की बंदी का दिखा असर, सड़कों और बाजारों में पसरा सन्नाटा
रामपुर में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सरकार को एक बार फिर बंदी के लिए बाध्य होना पड़ा। हालांकि अभी 55 घंटों के लिए इसकी घोषणा की गई है। लेकिन, हालात को देखते हुए इसके बढऩे को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। शुक्रवार की रात से प्रतिबंध लगने के बाद शनिवार की सुबह एक बार फिर बदली-बदली सी नजर आई। इस दौरान सड़कों से लेकर बाजार तक सब कुछ बंद रहा। पहले दिन जिले भर में प्रतिबंध का पूरा असर देखने को मिला। प्रशासन ने एक दिन पूर्व ही इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया था। व्यापारियों के साथ बैठक कर जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने स्थिति की गंभीरता के विषय में अवगत कराते हुए सहयोग की अपील की थी। इसके अलावा अधिकारियों के साथ बैठक कर बंदी का पालन कराने संबंधी निर्देश उन्हें जारी किए थे। जिस पर शुक्रवार रात 10 बजे से पहले ही जिन-जिन की भी ड्यूटी लगाई गई थी, वे सब अलर्ट मोड पर आ गए थे। रात के 10 बजते ही सब ड्यूटी पर लग गए। इस दौरान सड़क से गुजरे लोगों को रोक कर पूछताछ की गई। बिना किसी कारण के घर से बाहर निकलने को मना किया गया। दोबारा ऐसा करने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी भी दी गई। शनिवार को दिन निकला तो नगर के हर नुक्कड़, हर चौराहे पर पुलिस के जवान मौजूद थे। दिन भर सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा रहा। बाजार भी सुनसान दिखाई दिए। जनता ने भी शासन और प्रशासन की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए एक बार फिर खुद को घरों में कैद कर लिया था। लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के लिए प्रशासन द्वारा लगातार अनाउंस भी करवाया जा रहा था। लोगों को चेतावनी दी गई है कि यदि निर्देशों का उल्लंघन किया तो सख्ती से निपटा जाएगा। उधर ,प्रतिबंध की जद में आ जाने से रोडवेज की बसों के भी पहिए थम गए। वे कतारबद्ध ढंग से रोडवेज परिसर में खड़ी दिखाई दीं।
हाईवे भी रहा सूना-सूना सा
नेशनल हाईवे की बात करें तो वहां भी रोज की तरह चहल-पहल नजर नहीं आई। बड़े वाहनों के अलावा छोटे वाहनों की संख्या लगभग न के बराबर ही रही। वे ही लोग बाहर निकल रहे थे। जिन्हें बहुत ही आवश्यक कार्य से कहीं जाना था। ऐसे में दिन भर हाईवे पर भी लगभग सन्नाटे जैसा माहौल ही रहा। कोसी पुल के पास बाइपास पर पुलिस तैनात थी। वहां से किसी भी वाहन को अंदर नहीं आने दिया जा रहा था। कड़ी पूछताछ के बाद जो नगर के ही रहने वाले थे या जिन्हें बहुत आवश्यक कार्यों से ही अंदर आना था, उन्हें ही आने दिया गया।
बाइक सवारों को रोक कर की गई पूछताछ
रामपुर में मालगोदाम तिराहा, सिविल लाइन चौराहा, आंबेडकर तिराहा, स्टार चौराहा, मिस्टन गंज चौराहा आदि पर पुलिस के जवान अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद दिखाई दिए। वे आते-जाते बाइक सवारों को रोक कर उनके घर से बाहर निकलने का कारण पूछते। कुछ लोग डॉक्टर का पर्चा दिखाते तो कोई किसी अन्य आवश्यक कार्य से बाहर निकलना बताता। केवल आवश्यक सेवाओं से जुडे लोगों को ही जाने दिया गया। बेवजह बाहर निकलने वालों के लिए पुलिस चेङ्क्षकग कर वापस लौटाती नजर आई।