Moradabad Black Fungas News : मुरादाबाद में चिकित्सक बाेले- पलक में सूजन आए या फिर दाे दिखें ताे सर्तक हाे जाइए, जानिए क्याें
Moradabad Black Fungas News कोरोना संक्रमण पहले से ही लोगों की जान ले रहा है। संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग काली फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ रही है। शुरुआत में लक्षणों को पहचानने के बाद इलाज ले लिया
मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Black Fungas News : कोरोना संक्रमण पहले से ही लोगों की जान ले रहा है। संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग काली फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ रही है। शुरुआत में लक्षणों को पहचानने के बाद इलाज ले लिया तो इस परेशानी से निजात मिल जाएगी। इसका सीधा असर दिमाग, आंख, नाक और दांत पर पड़ रहा है। इस संक्रमण को म्यूकरमायकोसिस कहते हैं। ये संक्रमण इतना खतरनाक है कि नाक, आंख और कभी-कभी दिमाग में भी फैल जाता है। आंख और दिमाग के कई मामले नेत्र रोग विशेषज्ञों के सामने आए हैं। इसके लक्षण समझ में आने के बाद फौरन उपचार कराएं।
48 वर्ष के नसीम अख्तर सिविल लाइन स्थित डीएमआर अस्पताल में भर्ती हैं। आंखों के साथ ही इन्हें दिमाग की भी परेशानी हुई है। जांच कराने पर काले फंगस की वजह से पुष्टि होने के बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ को भी दिखवाया। उनकी पलक पर सूजन के साथ ही आंख में पीछे की ओर तेज दर्द भी हो रहा है।
40 वर्षीय हिमांशु गुप्ता कोरोना पॉजिटिव हुए थे। 25 वें दिन के बाद से उनकी आंखों में दर्द शुरू हो गया था। पहले तो उन्होंने सिरदर्द की दवा ले ली। इसके बाद जब आराम नहीं मिला तो नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाया। इनकी नाक में भी फंगस दिखाई दे रहा था। जांच कराने के बाद फंगस की पुष्टि हुई।
लक्षण नेत्र रोग
आंख में पीछे की ओर दर्द होगा, पलक में सूजन, दो दिखेंगे, आंखों की रोशनी कम होगी, नाक में भारी पन, नाक में काली पपड़ी जमेगी, दिमाग की परेशानी, मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आने की समस्या, व्यवहार में बदलाव।
इन पर अधिक असर कोरोना संक्रमित होेने के बाद करीब 15 से 20 दिन के बाद ये समस्या हो सकती है। क्योंकि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इसका शिकार अधिकतर वो लोग होते हैं तो ज्यादा गर्मी के माहौल में हों, अधिक डायबिटीज हो, लंबे समय तक स्टेरायड के द्वारा ट्रीटमेंट लिया गया हो। लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को इसका खतरा अधिक है।
अस्पताल की हवा में होती है काली फंगस
अधिक स्टेरायड चलने की वजह से अस्पताल की हवा में काली फंगस होती है। इस वजह से इस बीमारी के लगने के 50 फीसद चांस बढ़ जाते हैं। प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इसकी चपेट में आ जाती है।
किसी को भी आंख में पीछे की ओर दर्द, भारीपन या आंख से पानी लगातार गिर रहा है। धुंधला दिखाई दे रहा है। नाक में पपड़ी जम रही है तो सांस लेने में परेशानी होने पर फौरन नेत्र रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। जिससे समय से इसका इलाज किया जा सके। डॉ. गिरजेश कैन, नेत्र रोग विशेषज्ञ
फेफड़ों पर असर करने वाला कोरोना वायरस अब दिमाग पर भी असर कर रहा है। काली फंगस की चपेट में आने के बाद मरीज को काफी परेशानी हो रही है। सिरदर्द, आंशिक तौर पर शरीर पर नियंत्रण नहीं होगा। इसलिए दिक्कत महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। डॉ. मंजेश राठी, मस्तिष्क रोग विशेषज्ञ