Molestation with Minor : गजरौला के तीन किमी के दायरे में 155 घंटे चला दलपत ऑपरेशन

Molestation with Minor भूखे-प्यासे होने के बावजूद तलाश में जुटे रहे पुलिस कर्मी। बोले नौकरी के समय की यादगार रहेगी इस तरह आरोपित की तलाश।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 08:01 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 08:01 PM (IST)
Molestation with Minor : गजरौला के तीन किमी के दायरे में 155 घंटे चला दलपत ऑपरेशन
Molestation with Minor : गजरौला के तीन किमी के दायरे में 155 घंटे चला दलपत ऑपरेशन

अमरोहा (सौरव प्रजापति)। गजरौला में मासूम के साथ हैवानियत करने वाले शैतान दलपत जितना पतला-दुबला निकला। उससे कई गुना ज्यादा शातिर भी है। यही कारण रहा कि उसे दबोचने के लिए तीन किमी के दायरे में बसे दो गांवों में 155 घंटे से ज्यादा ऑपरेशन चला। जिसके बाद पुलिस के हाथ लगा। उसकी गिरफ्तारी के बाद हापुड़ जनपद के प्रत्येक पुलिस कर्मी ने राहत की सांस ली है।

दरअसल, छह अगस्त को घटना को अंजाम देने के बाद दलपत सात अगस्त को अपने गांव मोहम्मदपुर में आ गया था। इसके बाद आठ अगस्त को हापुड़ की पुलिस ने गांव में डेरा डाल दिया था। नौ अगस्त को पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन भी उसकी तलाश में खेतों में दौड़ते नजर आए। एक-एककर लगभग दो सौ के करीब पुलिस कर्मी दङ्क्षरदे को तलाश रहे थे। पुलिस की टीम अलग-अलग ङ्क्षबंदुओं पर काम कर रही थी। आलम यह था कि खेतों में भागते समय पुलिस कर्मी पसीना-पसीना हो रहे थे। निगाहों को दलपत की तलाश और पेट में भूख की आग थी। केले व पानी से काम चलाया जा रहा था। भागते-दौड़ते समय कई कर्मी चोटिल भी हुए। हालांकि आठ से 14 अगस्त तक यानी 155 घंटे तक चले दलपत ऑपरेशन में पुलिस को कामयाबी मिलने पर राहत की सांस ली गई। ऑपरेशन में जुटे कई पुलिस कर्मियों का कहना है कि दलपत की तलाश में फूंकी गई जान नौकरी के समय की यादगार रहेगी।

गांव में रही सरेंडर होने की चर्चा

भले ही हापुड़ पुलिस उसे गिरफ्तार होने की बात कह रही हो लेकिन, गांव में चर्चा है कि दलपत ने सरेंडर किया है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दलपत ने अपने ही खेत पर पुलिस को सरेंडर किया। इसके बाद पुलिस ने उसे टयूबेल पर स्नान कराया और फिर दूसरे कपड़े पहनाए। इसके बाद अपने साथ ले गए। हालांकि हापुड़ पुलिस सरेंडर की बात से इन्कार कर रही है

टूट गया मोहम्मदपुर व फतेहपुर का सन्नाटा

आठ अगस्त के बाद से गांव मोहम्मदपुर व फतेहपुर वाटूपुरा का माहौल एकदम बदला हुआ था। क्योंकि दोनों गांवों में करीब दो सौ के करीब पुलिस कर्मी उसकी तलाश में जुटे थे। इसी डर से गांव के लोग भी बाहर नहीं आ-जा रहे थे। लेकिन, गिरफ्तारी होने के बाद जब पुलिस गांव से कई तो सन्नाटा टूट गया। हर कोई चौपालों पर बैठकर दलपत के बारे में चर्चा करता रहा।

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