सम्भल में मनरेगा मजदूर और उनका परिवार भुखमरी के कगार पर , जानिए क्यों Sambhal News
विकास विभाग की लापरवाही के चलते जनपद में मनरेगा मजदूरों और उनके परिवारों के सामने आर्थि क संकट खडा हो गया। चूकीं मनरेगा मजदूरों का मजदूरी नहींं मिल पा रही है।
सम्भल । ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों को 100 दिन के रोजगार देने वाली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा मजदूरों के द्वारा किए गए कार्य की मजदूरी नहीं मिलने से दम तोड़ रही है। जिले में मनरेगा मजदूरों को 19 दिसंबर से मजदूरी नहीं मिल पाई है। जिससे उनके परिवार पर पालन पोषण का आर्थिक संकट आन पड़ा है। इस योजना के अंतर्गत कार्यरत जिले के एक आंशिक ब्लॉक समेत सभी नौ ब्लॉकों की तकरीबन 63754 सक्रिय मजदूर हैं, जिन्होंने विगत दिनों में कार्य किया है लेकिन उनकी मजदूरी भुगतान के लिए अटकी पड़ी है।
जानिए क्यों मजदूरों के सामने गहराई समस्या
ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की मानें तो कार्य के दौरान जारी किए गए मस्टरोल पर उनकी फीङ्क्षडग के बाद खंड विकास अधिकारी के डोंगल से डिजिटल भुगतान कर दिया गया है। जिनका भुगतान लखनऊ से सीधे उनके खाते में होता है लेकिन डिजिटल हस्ताक्षर होने के बावजूद उनकी मजदूरी की रकम उनके खातों में नहीं पहुंच पा रही है। जिससे मनरेगा मजदूरों पर आर्थिक संकट आ गया है और वह लगातार रोजगार सेवक से लेकर ग्राम प्रधान और सचिव के अलावा ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से भी शिकायत कर रहे हैं बावजूद इसके उनके भुगतान का कोई स्थाई समाधान नहीं हो पा रहा है और अधिकारी भी उच्च स्तरीय मामला बताकर उन्हें आश्वासन दे रहे हैं। वहीं मनरेगा के मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलने से न केवल उनके परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। बल्कि ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्य भी ठप पड़े हैं। ग्राम प्रधान जिन मजदूरों से कार्य कराते हैं वे मजदूर मजदूरी नहीं मिलने से अब काम पर नहीं जा रहे हैं। जिससे मनरेगा के अंतर्गत होने वाले विभिन्न कामों पर ग्राम लगा हुआ है और वित्तीय वर्ष के समापन के दौर में मजदूरों के कार्य नहीं करने से या फिर उसमें कमी आने से लक्ष्य की पूर्ति में भी दिक्कत आ सकती है।
जिले में है 63754 सक्रिय मजदूर
जिले के सभी विकास खंडों की अलग-अलग ग्राम पंचायतों में कुल 286504 मजदूर पंजीकृत हैं। जिनमें से वर्तमान में 63754 मजदूर ही सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। जिनका भुगतान फिलहाल उनके खातों तक नहीं पहुंच पा रहा है। योजना के अनुसार सबसे अधिक सक्रिय मजदूर 31 से 40 वर्ष तक के बीच के हैं। जिनकी संख्या 23575 है, जबकि 18 से 30 वर्ष तक की बीच की आयु के सक्रिय मजदूरों की संख्या 10847 है और 41 से 50 वर्ष तक की आयु के सक्रिय मजदूरों की संख्या 19016 है।
पैसा आते ही कर दिया जाएगा भुगतान
मनरेगा के मजदूरों को मजदूरी के भुगतान के लिए प्रत्येक ब्लॉक में विकास खंड अधिकारी के द्वारा डिजिटल हस्ताक्षर किए जाते हैं, जहां से भुगतान कर दिया गया है। अब उनके खातों में पैसा आने का मामला उच्चस्तरीय है। यह स्थिति तकरीबन प्रदेश के सभी जिलों में हैं। जिसके लिए हमने शासन में भी अवगत करा दिया है। उमेश कुमार त्यागी, मुख्य विकास अधिकारी, सम्भल