मुकदमेबाजी में फंसे अब्दुल्ला की विधायक निधि के 2.38 करोड़ रुपये, व‍िकास कार्यों पर नहीं हो पाया खर्च

MLA Fund of Abdullah फैसले के विरोध में अब्दुल्ला आजम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी 16 सितंबर को रद कर दिया। करीब डेढ़ साल से वह सीतापुर जेल में बंद हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 07:52 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 07:52 AM (IST)
मुकदमेबाजी में फंसे अब्दुल्ला की विधायक निधि के 2.38 करोड़ रुपये, व‍िकास कार्यों पर नहीं हो पाया खर्च
विधायक निधि में भी 23788000 रुपये खर्च होने से रह गए हैं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। MLA Fund of Abdullah : रामपुर सांसद आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी रद होने के बाद उनकी निधि की धनराशि भी खर्च नहीं हो सकी है। अब्दुल्ला 2017 में स्वार-टांडा विधानसभा से चुनाव लड़े थे, लेकिन कम उम्र में चुनाव लड़ने की वजह से दिसंबर 2019 में हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी रद कर दी। इस फैसले के विरोध में अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी 16 सितंबर को रद कर दिया। करीब डेढ़ साल से वह सीतापुर जेल में बंद हैं। उनकी विधायक निधि में भी 23788000 रुपये खर्च होने से रह गए हैं।

विधायकी रद होने के कारण यह धनराशि क्षेत्र में विकास कार्यों पर खर्च नहीं हो पा रही है। जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक पीके शुक्ला के मुताबिक नियमानुसार यह धनराशि विधायक का पांच साल का कार्यकाल पूरा होने पर शासन वापस ले सकता है या दूसरा विधायक खर्च कर सकता है। विधायक रहते उनके वेतन और भत्तों पर जो धनराशि 65.68 लाख खर्च हुई है, सरकार ने उसे भी वापस करने के लिए नोटिस जारी किया था। अब्दुल्ला के मुकाबले चुनाव लड़े पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का कहना है कि अब्दुल्ला से वेतन व भत्ते की रकम लौटाने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री को भी लिखा है। कोर्ट में भी जा सकते हैं। विधायक निधि खर्च न होने से विकास कार्य चौपट होकर रह गए हैं।

मेरठ रैली को सफल बनाएं : कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम ने कांग्रेस कार्यालय पर कार्यकर्ताओं से कहा कि मोदी सरकार ने तीन किसान विरोधी काले कानून लागू किए हैं और उन्हें वापस लेने से इन्कार कर रही है। किसान महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, फिर भी प्रधानमंत्री ने उनके पास जाकर उनकी समस्याओं को हल करने की भी जहमत नहीं उठाई। इसके बजाय शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर  हमला किया जा रहा है। करनाल में सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर फिर से पानी की बौछारों से प्रहार किया और उनकी मांगों को मानने से इन्कार कर दिया। हमारे अन्नदाता, हमारा भरण पोषण करने वाले हाथों के खिलाफ यह बर्बरता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। न्याय की लड़ाई में हम अपने किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं। इस दौरान उन्होंने मेरठ रैली को सफल बनाने का आहवान किया। इस मौके पर प्रदेश सचिव और रामपुर के प्रभारी चौधरी असलम मियां, ज़िलाध्यक्ष धर्मेन्द्र देव गुप्ता, प्रदेश महासचिव यूसुफ अली, प्रदेश महासचिव अरशद अली खां गुड्डू, शहर अध्यक्ष मामून शाह खां, प्रदेश महासचिव नोमान खां आदि मौजूद रहे।

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