Madhya Ganga Nahar : मध्यगंगा नहर के निर्माण कार्य में बड़ी रुकावट, क‍िसान मांग रहे ज्‍यादा मुआवजा

Madhya Ganga Nahar पांच किसानों द्वारा भूमि नहीं दिए जाने के कारण अधर में लटका हुआ है। इसे लेकर अपर जिलाधिकारी भगवत शरण सिंह के नेतृत्व में नहर विभाग के अधिकारियों व किसानों के बीच वार्ता हुई। किसानों द्वारा अधिक मुआवजा मांगे जाने पर फ़िलहाल सहमति नहीं बन पाई है।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 03:00 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 03:00 PM (IST)
Madhya Ganga Nahar : मध्यगंगा नहर के निर्माण कार्य में बड़ी रुकावट, क‍िसान मांग रहे ज्‍यादा मुआवजा
दो गांव के पांच किसानों द्वारा तय मुआवजे से अधिक की मांग के कारण रुका कार्य।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। Madhya Ganga Nahar : अमरोहा में मध्य गंगा नहर का निर्माण कार्य दो गांवों के पांच किसानों द्वारा भूमि नहीं दिए जाने के कारण अधर में लटका हुआ है। इसे लेकर अपर जिलाधिकारी भगवत शरण सिंह के नेतृत्व में नहर विभाग के अधिकारियों व किसानों के बीच वार्ता हुई। किसानों द्वारा अधिक मुआवजा मांगे जाने पर फ़िलहाल सहमति नहीं बन पाई है।

क्षेत्र में इन दिनों मध्य गंगा नहर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निर्माण के लिए नियम अनुसार किसानों की जमीनें खरीदकर उन्हें मुआवजा दिया जा चुका है। मगर, गांव फंदेडी सादात व गांव देहरा चक के पांच किसान नहर विभाग को अपनी भूमि देने में आनाकानी कर रहे हैं। जिस कारण निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। किसान नियमानुसार से अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। जिस कारण सहमति नहीं बन पा रही। बीते बुधवार को अपर जिलाधिकारी भगवत शरण सिंह किसानों को मनाने के लिए गांव में पहुंचे थे। मगर यहां भी कुछ नतीजा नहीं निकल पाया था। जिस पर गुरुवार को तहसील मुख्यालय पर किसानों को वार्ता के लिए बुलाया गया था। इसमें तीन किसान ही वार्ता के लिए मुख्यालय पहुंचे। यहां एडीएम के नेतृत्व में किसानों की नहर विभाग के अधिकारियों से वार्ता हुई। कई घंटे चली वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया। किसान नियमानुसार तय मुआवजे से अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इस पर वार्ता बेनतीजा साबित हुई। उधर प्रशासन किसानों को जल्द ही राजी करने का दावा करता नजर आ रहा है। उप जिलाधिकारी अरुण सिंह ने बताया कि तहसील मुख्यालय पर किसानों से वार्ता की गई किसान तय रेट से अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों से जल्द सहमति बना ली जाएगी।

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