लाउडस्पीकर विवाद में भाजपाइयों को राहत, जानिए क्या है पूरा मामला
Loudspeaker controversy kanth शासन के हस्तक्षेप से रेलवे ने खत्म किया मुकदमा। मंडल के 62 भाजपाइयों को बनाया गया था आरोपित।
अमरोहा। कांठ थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर सेंदरी में हुए लाउडस्पीकर विवाद में आरोपित मंडल के 62 भाजपा कार्यकर्ताओं को एसीजेएम कोर्ट (रेलवे) से राहत मिल गई है। शासन के हस्तक्षेप के बाद रेलवे ने मुकदमा खत्म कर दिया है। इस प्रकरण में अमरोहा जनपद के 26 भाजपाई भी आरोपित थे।
काबिलेगौर है कि बीती 4 जुलाई 2014 को मुरादाबाद जनपद के कांठ थाना क्षेत्र के गांव अकबरपुर सेंदरी में मंदिर पर लाऊडस्पीकर लगाए जाने को लेकर विवाद हो गया था। भीड़ ने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर पथराव किया था। तत्कालीन डीएम की आंख भी खराब हो गई थी। इस आंदोलन में भाजपाई भी शामिल हो गए थे। पुलिस ने मण्डलभर के 62 भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। चूंकि यह घटना रेलवे लाइन के किनारे हुई थी, लिहाजा रेलवे द्वारा भी 62 भाजपाइयों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इनसे अमरोहा जनपद के पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश त्यागी, विनीत सिरोही, भूप सिंह, युद्धवीर सिंह, रामवीर सिंह, रजनीश त्यागी, डॉ चन्द्रहास, प्रभात चौधरी, कमल सिंह, सुभाष त्यागी, प्रमोद यादव, उदयराज सिंह समेत 26 शामिल थे। यह लोग 85 दिन जेल में रहे थे। भाजपाइयों के खिलाफ एक मुकदमा मुरादाबाद कोर्ट में विचाराधीन है तथा दूसरा एसीजेएम (रेलवे) की कोर्ट में चल रहा था। अब शासन के हस्तक्षेप से रेलवे ने यह मुकदमा खत्म कर दिया है। मंगलवार को सभी आरोपितों को क्लीन चिट दे दी गई। इस बारे में पूर्व जिलाध्यक्ष गिरीश त्यागी ने बताया कि शासन के हस्तक्षेप के बाद भाजपाइयों के खिलाफ चल रहा मुकदमा रेलवे ने खत्म कर दिया है।