Rampur Loksabha By Election: जानिए कौन हैं घनश्याम लोधी जिन्हें भाजपा ने आजम खां की पत्नी के खिलाफ मैदान में उतारा
वर्ष 2016 में आजम की वजह से ही सपा ने घनश्याम सिंह लोधी को एमएलसी चुनाव लड़ाया। वह विजयी रहे। पाटी विरोधी गतिविधियों की वजह से इस वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले उनको निष्कासित कर दिया था। वह भाजपा में शामिल हो गए।
रामपुर, जेएनएन। भाजपा ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव के लिए घनश्याम लोधी को प्रत्याशी घोषित किया है। घनश्याम सिंह लोधी पूर्व में शहर विधायक व सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के करीबी रहे हैं और सपा से दो बार विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भी रहे हैं।
वर्ष 2016 में आजम की वजह से ही सपा ने घनश्याम सिंह लोधी को एमएलसी चुनाव लड़ाया। वह विजयी रहे। पाटी विरोधी गतिविधियों की वजह से इस वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले उनको निष्कासित कर दिया था। वह भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि उपचुनाव के लिए अभी सपा ने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, लेकिन पार्टी मुखिया अखिलेश यादव ने प्रत्याशी चयन की जिम्मेदारी आजम खां पर ही छोड़ दी है। संभावना है कि आजम की पत्नी तजीन फात्मा चुनाव लड़ेंगी। उनके बेटे अब्दुल्ला आजम इसकी पुष्टि कर चुके हैं और तजीन फात्मा के नाम से नामांकन पत्र भी खरीद लिया है। उपचुनाव में घनश्याम लोधी का मुकाबला तजीन फात्मा से ही होने की संभावना है।
दो बार चुने गए एमएलसीः घनश्याम सिंह लोधी दो बार विधान परिषद चुने जा चुके हैं। सबसे पहले वह समाजवादी पार्टी के समर्थन से कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के टिकट पर रामपुर-बरेली स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र से 2004 में एमएलसी बने थे। इसके बाद इसी क्षेत्र से 2016 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर एमएलसी बने। 2019 में रामपुर शहर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के दौरान उनके आवास पर भाजपा नेताओं की मीटिंग भी हुई थी। तब से ही उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगने लगी थीं, हालांकि तब वह भाजपा में शामिल नहीं हुए थे। इसी साल विधानसभा चुनाव से पहले वह भाजपा में शामिल हुए थे। उन्हें भाजपा से एमएलसी प्रत्याशी बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन भाजपा ने बरेली के कुंवर महराज सिंह को प्रत्याशी बनाया था। अब घनश्याम लोधी को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया गया है।