बालगृह के बच्चों ने कैसे खोली सिस्टम की पोल, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

मुरादाबाद : अगर आप भी सिस्टम के रवैये को जानेंगे तो अचरज में पड़ जाएंगे। बालगृह में रहने वाले बच्चों ने उसकी पोल खोल दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 10:20 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 05:38 PM (IST)
बालगृह के बच्चों ने कैसे खोली सिस्टम की पोल, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान
बालगृह के बच्चों ने कैसे खोली सिस्टम की पोल, जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान

मुरादाबाद : अगर आप भी सिस्टम के रवैये को जानेंगे तो अचरज में पड़ जाएंगे। जी हां, जहां पर 25 बच्चों के ठहरने का इंतजाम है, वहां पर अधिकारियों ने मानकों को ताक पर रखते हुए 70 बच्चे ठहरा रखे हैं। अब व्यवस्था कैसी होगी, आप खुद भी उसका अंदाजा लगा सकते हैं। नतीजतन दर्जन भर से अधिक बच्चे बीमार हैं।

यह कड़वा सच उस समय सामने आया जब उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने गुरुवार को हरथला स्थित आश्रय गृह व मंडी समिति के समीप राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। डॉ. गुप्ता ने बताया कि यहां महज 25 बच्चों के रहने की व्यवस्था है। इसके सापेक्ष बाल गृह में सत्तर बच्चे हैं। इनमें से दस ऐसे हैं, जिन्हें भविष्य के दृष्टिगत उनके गृह जनपद भेजा जाना जरूरी है। इस बावत बाल कल्याण समिति मुरादाबाद को उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश दिए गए हैं।

इस रहस्य से भी उठा पर्दा

छानबीन में पता चला कि बाल गृह में एक अकेली चौदह वर्षीय किशोरी भी निवास कर रही है। विकल्प के अभाव में बच्ची खुला आश्रय गृह में रखी गई है। खुला आश्रय गृह के संचालकों को डॉ. गुप्ता ने उन सामानों को बाजार में उतारने व बेचने के लिए प्रेरित किया, जिनका निर्माण बाल आश्रय गृह के बच्चों ने किया है। इसमें डलिया आदि शामिल हैं। आधा दर्जन बच्चे बीमार हैं। आयोग के अध्यक्ष ने तत्काल सीएमओ से मोबाइल पर संपर्क साधा और तत्काल उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।

यहां मिली शिक्षकों की कमी

इसके बाद डॉ. गुप्ता समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित मंडी समिति के पीछे राजकीय स्वच्छकार आश्रम पद्धति विद्यालय में पहुंचे। परिसर में सामान्य व दिव्यांग छात्रों के लिए अलग विद्यालय होने के बावजूद सभी को एक साथ पढ़ाया जा रहा है। वहां शिक्षकों की भारी कमी मिली। शिक्षा की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली। इसका संज्ञान लेते डॉ. गुप्ता ने संबंधित विभागों से जवाब तलब किया।

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बच्चों ने खोली व्यवस्था की पोल

-बाल कल्याण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता के मुताबिक बच्चों ने बताया कि खाद्य सामाग्री नहीं मिलती। टायलेट गंदा पड़ा है। जो सामान विद्यालय में उपलब्ध है मसलन कापी, तकिया, जुराब, साबुन आदि वह भी समय से बच्चों को नहीं दिया जाता।

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