जानिए कैसे प्रदेश के नौ शहरों में बनेंगी प्लास्टिक के कचरे से सड़कें Moradabad News
दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती से लोक निर्माण विभाग प्लास्टिक के कचरे से सड़कें बनाने का काम शुरू करने जा रहा है।
मुरादाबाद (अनुज मिश्र)। दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती से लोक निर्माण विभाग प्लास्टिक के कचरे से सड़कें बनाने का काम शुरू करने जा रहा है। इस काम को सबसे पहले प्रदेश के नौ शहरों में शुरू किया जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के आगरा, मेरठ, कानपुर, बरेली, लखनऊ, वाराणसी, झांसी, प्रयागराज एवं गोरखपुर को चयनित किया है। इस प्रोजेक्ट में एक किलोमीटर की नवीनीकरण होने वाली रोड का चयन कर काम किया जाएगा। सफलता के बाद प्रदेश के सभी जनपदों में प्लास्टिक के कचरे से सड़कें बनाए जाने की योजना बनेगी। मुरादाबाद परिक्षेत्र के लोक निर्माण के मुख्य अभियंता विनय प्रकाश ने बताया कि अभी प्रदेश के नौ शहरों को चिह्नित किया गया है। इसको लेकर शासन के निर्देश मिले हैं। सफलता के बाद आगे की योजना पर शासन स्तर से ही विचार होगा।
ऐसे बनाती हैं प्लास्टिक के कचरें से सड़क
सड़क बनाने वाले पत्थर या गिट्टी को 170 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर इसमें प्लास्टिक के टुकड़ों को मिलाया जाएगा। 30 सेकेंड में प्लास्टिक पिघलकर पत्थर से चिपक जाएगा। फिर 160 डिग्री सेल्सियस तक गर्म तारकोल को इसमें मिलाया जाएगा। इस तरह सड़क बनाने का मिश्रण तैयार हो जाएगा। इसी मिश्रण से सड़क की लेयर तैयार की जाएगी। इससे विभाग को जहां दस फीसद की बचत होगी, वहीं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
प्लास्टिक मैन के नाम से जाने जाते हैं डॉ. राजगोपालन वासुदेवन
तमिलनाडु के त्रयागराजन विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विषय के डीन एवं प्रोफेसर डॉ. राजगोपालन वासुदेवन को प्लास्टिक मैन के नाम से जाना जाता है। प्लास्टिक के कचरे से सड़कें बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है, उन्होंने इसकी खोज की। उनके निर्देशन में प्लास्टिक के कचरे से देश के 11 शहरों में अब तक एक लाख किलोमीटर सड़क बन चुकी हंै।
यह है फायदा
-सड़क ज्यादा लोड झेल सकेगी।
-सड़क में पानी का रिसाव नहीं होगा, लिहाजा सड़क में गड्ढे नहीं होंगे।
-दस साल तक मरम्मत की जरूरत नहीं पड़ेगी।
-प्लास्टिक डिकंपोज का यह बेहतर तरीका है।