शहादत के सम्मान में झुका खाकी का शीश

मुरादाबाद : देश सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय पुलिस के जांबाज जवानों को बुधवार को

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 08:23 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 08:23 PM (IST)
शहादत के सम्मान में झुका खाकी का शीश
शहादत के सम्मान में झुका खाकी का शीश

मुरादाबाद : देश सेवा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय पुलिस के जांबाज जवानों को बुधवार को यूपी पुलिस ने याद किया। पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर शहादत के सम्मान में खाकी ने न सिर्फ अपने शीश झुकाए, बल्कि जांबाज पुलिस कर्मियों की बहादुरी का गौरवगान भी किया।

डॉ. भीमराव आंबेडकर पुलिस अकादमी के शहीद स्मारक पर सुबह आठ बजे आयोजित कार्यक्रम में पीटीसी के एडीजी व मुख्य अतिथि बृजराज मीणा ने कहा कि दायित्व निर्वहन में प्राणों की आहुति क‌र्त्तव्य के प्रति खाकी के समर्पण की परिचायक है। ऐसे शूरवीरों को पुलिस महकमा नमन करता है। एक सितंबर 2019 से 31 अगस्त 2020 तक पूरे भारत में 254 पुलिस कर्मियों ने दायित्व निर्वहन के दौरान प्राणों की आहुति दी। इसमें आंध्र प्रदेश के तीन, अरुणाचल प्रदेश के दो, बिहार के नौ, छत्तीसगढ़ में 25, हरियाणा में दो, झारखंड में आठ, कर्नाटक में 17, मध्यप्रदेश में सात, महाराष्ट्र में पांच, मणिपुर में दो, पंजाब में दो, राजस्थान में दो, तमिलनाडु में तीन, त्रिपुरा में दो, उत्तर प्रदेश में नौ, उत्तराखंड में छह, पश्चिम बंगाल में 11, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में दो, दिल्ली में 11, जम्मू-कश्मीर में 12, असम राइफल्स के तीन, बीएसएफ के 25, सीआइएसएफ के सात, सीआरपीएफ के 29, एफएस सीडी एचजी के चार, आइटीबीपी के 18, एमएचए के नौ, आरपीएफ के 14 व एसएसबी के 15 जवान शहीद हुए। इस मौके पर मुरादाबाद के आइजी रमित शर्मा, पश्चिम जोन पीएसी के आइजी अमित चंदा, डीआइजी पीएसी अनंत देव, डीआइजी पुलिस अकादमी पूनम श्रीवास्तव, डीआइजी पीटीसी शिवशंकर सिंह, एसएसपी मुरादाबाद प्रभाकर चौधरी, एसपी पुलिस अकादमी राजेश कुमार, एसपी सिटी अमित कुमार आनंद, एसपी ग्रामीण विद्या सागर मिश्र, एएसपी कुलदीप सिंह गुनावत आदि मौजूद रहे।

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क्यों मनाया जाता है पुलिस स्मृति दिवस

भारत की उत्तरी सीमा लद्दाख में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर बर्फ से ढके पर्वतों व दर्रों के बीच जहां सामान्य नागारिक सुविधाओं की कल्पना तक बेमानी है। वहां पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस के जवान नियमित गश्त पर निकले हैं। 21 अक्टूबर 1959 को गश्त के दौरान जवानों को लगा कि वह चारों तरफ से शत्रु से घिर गए हैं। चीनी सैनिकों ने छल पूर्वक हमारे क्षेत्र में आकर हमारे ही सिपाहियों को पकड़ने के लिए एम्बुश लगाया था। चीनियों ने दावा किया कि वह क्षेत्र उनका है। इस पर साधारण शस्त्रों के सहारे ही ये जवान स्वचालित रायफलों व मोटार्रों से लैश चीनियों से भिड़ गए। इस प्रकार भारतीय पुलिस के 10 बहादुर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दे दी। इन वीर जवानों की याद में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को देश में वीरगति प्राप्त भारतीय पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।

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