MIT-उमर शेख के संपर्क में था कश्मीरी छात्र रफी

एमआइटी प्रकरण में खुफिया एजेंसी और पुलिस के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Sat, 23 Feb 2019 02:08 AM (IST) Updated:Sat, 23 Feb 2019 09:05 AM (IST)
MIT-उमर शेख के संपर्क में था कश्मीरी छात्र रफी
MIT-उमर शेख के संपर्क में था कश्मीरी छात्र रफी

मुरादाबाद, जेएनएन। मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआइटी) प्रकरण में खुफिया एजेंसी और पुलिस के सामने चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कश्मीरी छात्र रफी फारुख का संपर्क उमर शेख से था। पड़ताल की जा रही है कि उमर शेख कौन है और क्या करता है? रफी की 10 फरवरी से 19 फरवरी तक की निकाली गई कॉल डिटेल में 736 कॉल की गई हैं। इनमें अकेले उमर शेख को चार सौ कॉल हुई हैं। हर कॉल पर लंबी बात होती है। सबसे अहम बात यह है कि कई दिन तक तो 10 से 15 मिनट के अंतराल पर कॉल की गई हैं। खुफिया एजेंसी इस प्रकरण में गंभीरता से जांच कर रही है। सहारनपुर में पकड़े गए दो आतंकियों के बाद पूरा मामला प्रदेश सरकार के लिए भी अतिसंवेदनशील हो गया है।

पाकिस्तान जिंदाबाद लगाने पर हुई फायरिंग

16 फरवरी को रामगंगा विहार स्थित एमआइटी कॉलेज में फार्मेसी के छात्र ऊमरी सब्जीपुर निवासी मुजस्सम के वाट्सएप स्टेट्स पर पाकिस्तान जिंदाबाद लगाने पर ङ्क्षहदू संगठन के लोगों ने कॉलेज के गेट पर फायङ्क्षरग कर दी थी। देशद्रोह के मुकदमे में मुजस्सम और कश्मीरी छात्र रफी फारुख को नामजद किया गया था। रफी फारुख ने भी फेसबुक पर देश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। दोनों की गोपनीय तरीके से जांच की जा रही है। मुजस्सम पर पुलिस की टीम जेल के अंदर नजर रख रही है। उससे मिलने वालों समेत उसके हर मूवमेंट पर खुफिया टीम नजर रखे हुए है। उधर, कश्मीरी छात्र रफी फारुख की भी पड़ताल की जा रही है। खुफिया एजेंसी और पुलिस की टीम संयुक्त रूप से रफी की कॉल डिटेल की पड़ताल कर रही हैं। घटना के बाद से लगातार रफी ने हर दस से पंद्रह मिनट में उमर शेख को कॉल की है। पुलिस मान रही है कि रफी को हर मूवमेंट के लिए उमर शेख की आदेश दे रहा है। पुलिस ने उमर शेख से संपर्क करने की कोशिश की है।

देवबंद से आतंकी पकड़े जाने पर बढ़ी सतर्कता

एटीएस की कार्रवाई में सहारनपुर के देवबंद से जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक की गिरफ्तारी के बाद वेस्ट यूपी के कई जनपद अतिसंवेदनशील माने जा रहे हैं। दोनों ही कश्मीर के रहने वाले हैं, जो छात्र बताकर देवबंद में शरण लिए हुए थे। ऐसे में रफी फारुख की गतिविधियों को भी उससे जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक खुफिया एजेंसी और पुलिस का ऐसा कोई इनपुट नहीं मिला है, जिससे रफी का संबंध आतंकियों से जोड़ा जा सके। इसलिए सभी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। मुरादाबाद में वह किस किस के संपर्क में था। उनका ब्योरा जुटाने के बाद पूछताछ की जाएगी।

पुलिस कर रही मामले की जांच

एसएसपी जे रविन्दर गौड का कहना है कि मुजस्सम और रफी फारुख दोनों की गोपनीय तरीके से जांच की जा रही है। रफी की पड़ताल कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस कर रही है। हर रोज के मूवमेंट की जानकारी विवेचना टीम मुहैया कराती है। दोनों पर दर्ज देशद्रोह के मुकदमे के सबूत टीम जुटा रही है।

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