Karva Chauth 2021 : करवा चौथ पर सौभाग्यवती रहने का शुभ संयोग, यहां जानें पूजन व‍िध‍ि और चंद्र दर्शन समय

Karva Chauth 2021 इस बार सौभाग्यवती बने रहने का खास संयोग है। इस दिन पूजा का मुहूर्त पांच बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। पूजा की अवधि एक घंटे सात मिनट तक रहेगी और चंद्रोदय रात को आठ बजकर 25 मिनट पर होगा।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 01:50 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 01:50 PM (IST)
Karva Chauth 2021 : करवा चौथ पर सौभाग्यवती रहने का शुभ संयोग, यहां जानें पूजन व‍िध‍ि और चंद्र दर्शन समय
रात आठ बजकर 25 मिनट पर चंद्र दर्शन कर सकेंगी सुहागिनें।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Karva Chauth 2021 : भारतीय महिलाओं के लिए पति की दीर्घायु और उनके स्वस्थ रहने की कामना का पर्व करवा चौथ रविवार को है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले करवा चौथ रविवार को होने की वजह से शुभ है। 24 अक्टूबर दिन रविवार को भगवान सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष होने के साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी है। इस नक्षत्र में सुहागिनों के लिए सौभाग्यवती बने रहने का खास संयोग है। इस दिन पूजा का मुहूर्त पांच बजकर 43 मिनट से लेकर 6 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। पूजा की अवधि एक घंटे सात मिनट तक रहेगी और चंद्रोदय रात को आठ बजकर 25 मिनट पर होगा।

खासतौर पर उत्तर भारत में करवा चौथ का महत्व काफी है। यह त्योहार हर साल कार्तिक के महीने में कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि यानि चतुर्थी को आता है।. इस दिन पति की अच्छी सेहत, कामयाबी और लंबी आयु के लिए सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। इस व्रत के दौरान पानी की एक बूंद भी वर्जित मानी गई है। लेकिन, इस कठिन उपवास को भी लाखों महिलाएं पूरी आस्था और विश्वास के साथ रखती हैं। व्रत को खोलने से पहले इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर सजती संवरती हैं। इस साल यानि 2021 में करवा चौथ 24 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा।

करें ये कार्य : करवा चौथ के दिन सुबह जल्दी नहाकर स्वच्छ वस्त्र पहन लें, तैयार होकर करवा चौथ के व्रत का संकल्प लें।' मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये जप कर  संकल्प करें। गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें। शिव पार्वती की पूजा करें। घर में अपने से बड़ों का आदर करें।

कथा की विधि : करवें में जल भरकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनें या पढ़ें, करवा चौथ की पूजा के दौरान मां पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं और सुंदर वस्त्रों और श्रृंगार की चीजों से उन्हें सजाएं फिर पूरे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें। चंद्रमा दिखने बाद पूजा कर अर्घ्य दें। करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखें और जलपान ना करें।

पूजा और चंद्र दर्शन करके पति के हाथ से पानी पीकर या निवाला खाकर अपना व्रत व उपवास खोलें। पूजा के बाद घर के बड़ों के पैर छू कर आशीर्वाद लें।

ज्योतिषाचार्य, पंडित केदार मुरारी

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