बस दिन में दो बार करें ये स्प्रे, घर में नहीं पैदा होगा डेंगू मच्छर, जानें कैसे बनता है स्प्रे

Lotus Cactus Plant बाजार के स्प्रे कहीं न कहीं हमारेे शरीर पर बुरा असर डालते हैं। लेकिन प्रकृति में ऐसे भी पौधे हैं जिनकी खासियत जानकर उनका उपयोग करेंगे तो बाजार के स्प्रे के नुकसान से बच सकते हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:27 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 03:27 PM (IST)
बस दिन में दो बार करें ये स्प्रे, घर में नहीं पैदा होगा डेंगू मच्छर, जानें कैसे बनता है स्प्रे
एक साल से गर्मी व बारिश के शुरू होने में लिए गए ट्रायल में लार्वा को मारने में मिली सफलता।

मुरादाबाद, (तेजप्रकाश सैनी)। Lotus Cactus Plant : बाजार के स्प्रे कहीं न कहीं हमारेे शरीर पर बुरा असर डालते हैं। लेकिन, प्रकृति में ऐसे भी पौधे हैं जिनकी खासियत जानकर उनका उपयोग करेंगे तो बाजार के स्प्रे के नुकसान से बच सकते हैं। ऐसा ही एक पौधा कमल कैक्टस है, जो आम तौर पर घरों व विद्यालयों के गमलों में सजावट के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। स्प्रे कमल कैक्टस के जैल से तैयार होता है।डेंगू फैलाने वाले मच्छरों के लार्वा को कमल कैक्टस से तैयार घरेलू स्प्रे नष्ट करेगा। इसको डेंगू एंटी मेटामोरफासिस स्प्रे नाम दिया है।

इसमें आगेव अमेरिकाना कमल कैक्टस (जोकि पौधों की नर्सरी मे 35 से 40 रुपये मे उपलब्ध है) के पत्तों के जेेल (जूस) में एथनाल मिलाकर पांच फीसद पानी के साथ तैयार किया जाता है। सुबह शाम स्प्रे करने से डेंगू का मच्छर खत्म हो जाएगा। इस स्प्रे की खासियत यह है कि हमारी आहार श्रृंखला के लिए उपयोगी कीटों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। दो बार के स्प्रे करने से 24 घंटे मच्छरों के लार्वा नहीं हो पाते हैं। इसकी पत्तियों में फाइटोकेमिकल्स,फ्लेवोनायड पाए जाते हैं जो कि मच्छरों पर काफी असरदार होता है। एसएल एजुकेशन इंस्टीट्यूट पल्लीपुरा घोसी मुरादाबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. सौरभ मिश्रा ने इस स्प्रे को तैयार किया है।

खास बातें

-इस स्प्रे से हमारे जीवन के लिए उपयोगी कीट नहीं मरेंगे।

-स्प्रे को तैयार करने में 300 रुपये का खर्च आया।

-बाजार में लांच होने पर कीमत 50 से 55 रुपये होगी।

-ट्रायल से 95 फीसद सफलता मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया जारी।

नेशनल डिजिज कंट्रोल रिसर्च सेंटर को भेजाः नेशनल डिजिज कंट्रोल रिसर्च सेंटर दिल्ली को भेज दिया गया। यहां से मंजूरी के बाद पेटेंट होगा। फिर पब्लिकेशन के बाद बाजार में लांच होगा। पेटेंट में तीन से चार महीना लगेंगे। इसके बाद डेंगू मच्छर मारने के लिए स्प्रे की विधि यूरेका जर्नल में प्रकाशन कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एसएल एजुकेशन इंस्टीट्यूट के असिस्टेंट प्रोफेसर सौरभ मिश्रा ने बताया कि एक साल में गर्मी, बारिश के शुभारंभ पर इस स्प्रे का ट्रायल लिया गया। जिसमें मच्छरों को अंडे देने से रोकने में सफलता मिली। इस स्प्रे के पड़ने के बाद मच्छरों की पूरी मेटामोरफासिस नहीं हो पाएगी। आम तौर पर स्प्रे मानव श्रृंखला के कीटों के नरवस सिस्टम को नष्ट करता है। लेकिन कमल केक्टस से तैयार मानव श्रृंखला के लिए उपयोगी कीटों को यह स्प्रे नष्ट नहीं करता है।

chat bot
आपका साथी