अभी सांकेतिक विरोध, मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 26 से एंबुलेंस सेवा हो जाएगी बंद
कोरोना काल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाने वाले कर्मचारियों को ठेका लेने वाली कंपनी समायोजित करने को तैयार नहीं है। इसको लेकर जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। 16 कर्मचारियों की नौकरी दांव पर लगी है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। कोरोना काल में अपनी जिंदगी दांव पर लगाने वाले कर्मचारियों को ठेका लेने वाली कंपनी समायोजित करने को तैयार नहीं है। इसको लेकर जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 एंबुलेंस कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है।
जिला अस्पताल हर्बल पार्क में जुटे कर्मचारियों ने कहा कि जिले में तीन एएलएस एंबुलेंस के 16 कर्मचारियों की नौकरी दांव पर लगी है। एएएलएस का ठेका नई कंपनी को होने की वजह से उन्हें समायोजित नहीं किया जा रहा है। 25 जुलाई तक अगर मांगों पर गौर नहीं किया गया तो 26 से सभी एंबुलेंस के पहिये रोक दिए जाएंगे। बताया गया कि कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोरोना वारियर के तौर पर बेहतरीन काम करने वाले कर्मचारियों को नजर अंदाज नहीं किया जाए। अनुभवी कर्मचारियों को समायोजित किया जाए। मांगों पर गौर नहीं होने पर व्यापक स्तर पर आंदोलन चलाया जाएगा। इसमें जिलाध्यक्ष निपेंद्र कुमार, उपाध्यक्ष कमरुल हसन, हरवेंद्र कुमार, जितेंद्र सिसोदिया, सुरेंद्र सिंह, आकाश कुमार, राजवीर सिंह, रिजवान आलम आदि थे।