आतंक का साया : पश्चिम उत्तर प्रदेश के दो मदरसों के छात्रों से हो सकती है पूछताछ
पिछले दिनों पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के मदरसों में पढऩे वाले छात्रों से संबंध को लेकर खुफिया एजेंसियां सतर्कता बरत रही हैं।
अमरोहा, जेएनएन। पिछले दिनों पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों के मदरसों में पढऩे वाले छात्रों से संबंध को लेकर खुफिया एजेंसियां सतर्कता बरत रही हैं। यह मदरसे पश्चिम उत्तर प्रदेश के दो शहरों में हैं। संदिग्ध आतंकी मुफ्ती सुहैल और मौलाना गुफरान ने भी इन मदरसों में कुछ दिन पढ़ाई की थी। सूत्रों के मुताबिक इन मदरसों में पढऩे वाले कुछ छात्रों से एनआइए पूछताछ कर सकती है।
अमरोहा मुफ्ती सुहैल को गिरफ्तार करने के बाद से उसके संपर्क में रहने वाले युवकों पर खुफिया एजेंसी नजरें जमाए हैं। इस क्रम में शनिवार को उसके साथ मदरसे में पढऩे वाले गांव बांसखेड़ी निवासी मौलाना गुफरान को भी गिरफ्तार किया था। दिसंबर 2018 में ही हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर में एक मस्जिद में इमामत करने वाले मौलाना साकिब को भी गिरफ्तार किया था। मौलाना साकिब भी सुहैल के साथ मदरसे में पढ़ा था। पकड़े गए संदिग्ध आतंकियों व उनके मददगारों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अब खुफिया एजेंसी मदरसे में पढऩे वाले या उनके साथ पढ़ चुके युवकों से पूछताछ कर सकती है।
एनआइए से जुड़े सूत्र बताते हैं कि टीम की नजरें पश्चिम उप्र के दो शहरों में स्थित बड़े मदरसों पर लगी हैं। वहां रह कर पढऩे वाले छात्रों से पूछताछ की जा सकती है। इसके लिए एनआइए मौलाना गुफरान को साथ लेकर मदरसों में छात्रों से पूछताछ करने के लिए इन दोनों शहरों में जा सकती है।
गुफरान को लेकर बांसखेड़ी नहीं पहुंची एनआइए
एनआइए की टीम को लेकर सैदपुर इम्मा और बांसखेड़ी के लोग दहशत में हैं। बुधवार रात व गुरुवार को दोनों गांव का माहौल बदला रहा। हालांकि मौलाना गुफरान के परिजनों और ग्रामीणों को उम्मीद थी कि टीम उसे लेकर गांव पहुंचेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गुरुवार को गुफरान व शहजाद के परिजनों ने मीडिया से बात करने से इन्कार कर दिया। गांव के लोग भी इस संबंध में कोई बात नहीं कर रहे।
आतंकी गतिविधियों के चलते गांव सैदपुर इम्मा व बांसखेड़ी काफी चर्चा में हैं। गांव बांसखेड़ी के रहने वाले गुफरान को लेकर एनआइए बुधवार शाम को जांच के लिए सैदपुर इम्मा भी गई थी। टीम के पहुंचने के बाद गांव के लोग एक बार फिर से दहशत में आ गए। बुधवार रात को ही गांव का माहौल बदल गया था। यही स्थिति गुरुवार को भी रही। सुबह से ही गांव में लोग मौजूद तो थे, लेकिन वह इस मुद्दे पर किसी से बात करने के लिए तैयार नहीं हुए। इतना ही नहीं शहजाद के परिजनों ने भी मीडिया से बात करने से इन्कार कर दिया। उधर, गुफरान को लेकर बांसखेड़ी के ग्रामीणों व परिजनों को उम्मीद थी कि टीम उसे लेकर गांव जरूर पहुंचेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और टीम गुफरान को लेकर दिल्ली लौट गई। गुरुवार को गुफरान के परिजनों ने भी खुद को घर में ही कैद रखा। किसी से बात नहीं की। गांव के लोग भी बात करने से बचते रहे। दोनों गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।