राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी प्रदर्शनी में रामपुर रजा लाइब्रेरी की पांडुलिपियां भी शामिल

मुरादाबाद : राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में भारत-उ•ाबेकिस्तान: एक सांस्कृतिक संवाद विषय पर लग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 02:34 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 02:34 PM (IST)
राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी प्रदर्शनी में रामपुर रजा लाइब्रेरी की पांडुलिपियां भी शामिल
राष्ट्रीय संग्रहालय में लगी प्रदर्शनी में रामपुर रजा लाइब्रेरी की पांडुलिपियां भी शामिल

मुरादाबाद : राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में भारत-उ•ाबेकिस्तान: एक सांस्कृतिक संवाद विषय पर लगी प्रदर्शनी में रजा लाइब्रेरी की पांडुलिपियों को भी शामिल किया गया है। इसे देखने को भीड़ उमड़ रही है। भारत एवं उजबेकिस्तान की साझा सांस्कृतिक विरासत प्रदर्शित

इस प्रदर्शनी में कुषाणकाल के सिक्कों का संग्रह एवं कला-कृतियों, पाण्डुलिपियों और विभिन्न समयावधि में बनी धार्मिक और वैज्ञानिक विषयों पर आधारित भारत एवं उजबेकिस्तान की साझा सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित किया गया है। एतिहासिक पांडुलिपियों को भी स्थान दिया गया है। संस्कति सचिव अरुण गोयल ने किया उद्घाटन

प्रदर्शनी का उद्घाटन भारत सरकार के संस्कति सचिव अरुण गोयल ने किया। इस अवसर पर उजबेकिस्तान के राजदूत फरहोद अजरीव और डॉ. बीआर मणि, महानिदेशक, राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली उपस्थित रहे। यह प्रदर्शनी 24 अक्तूबर तक प्रदर्शित की जाएगी

यह प्रदर्शनी 24 अक्तूबर तक प्रदर्शित की जाएगी। इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव अरुण गोयल ने कहा भारत और उ•ाबेकिस्तान की मैत्री का उत्सव मनाते हुए यह प्रथम बड़ी प्रदर्शनी भारत-उ•ाबेकिस्तान: एक सांस्कृतिक संवाद आयोजित की है। पाण्डुलिपियों के साथ चित्रों को भी किया गया है इसमें प्रदर्शित

रामपुर र•ा लाइब्रेरी के निदेशक प्रो. सैयद हसन अब्बास ने प्रदर्शनी के विषय में बताया कि रामपुर र•ा लाइब्रेरी द्वारा विभिन्न पाण्डुलिपियों जैसे तुहफातुल अहरार (1492), मजालिस अल ऊश्हाक़ (1580), दीवाने हाफि़ज (1390), दीवान कमाल खूजन्दी, दीवाने बाबर (पूर्व 16वीं सदी) आदि से लिए गए चित्रों तथा इसके अतिरिक्त तैमूर का घर (18वीं सदी), बाबर का चित्र (पूर्व 17वीं सदी), अब्दुला खान का चित्र (1610) पें¨टग्स को इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया गया।

chat bot
आपका साथी