Indian Railways : अब कांटे के ऊपर भी तेज रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, एक करोड़ रुपये से रेलवे स्टेशनों पर होगा ये काम
Moradabad Railway Division Kanta Variation Train Speed अब जल्द की कांटे के ऊपर भी ट्रेनें स्पीड से दौड़ती चली जाएंगी। सहारनपुर-लखनऊ के बीच 45 स्टेशनों का कांटा बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए बजट भी उपलब्ध करा दिया गया है।
मुरादाबाद [प्रदीप चौरसिया]। रेलवे ने कांटे (प्वांइट बदलने का स्थान) के ऊपर से भी ट्रेनों को सौ किमी की गति के चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे ट्रेनों और मालगाड़ी की औसत गति भी बढ़ जाएगी। मुरादाबाद रेल मंडल प्रशासन ने चालू वित्तीय वर्ष में सहारनपुर-लखनऊ के बीच 45 स्टेशनों का कांटा बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
मुरादाबाद रेल मंडल ने सहारनपुर-लखनऊ रेल मार्ग के बीच चार सौ किलोमीटर रेलवे लाइन और स्लीपर बदलने का काम किया है। इससे ऊपर से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। हालांकि इस मार्ग पर अभी तक 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन संचालन स्वीकृत है। बाधा रहित ट्रेन संचालन में बीच रास्ते के स्टेशनों का काफी महत्व है। प्रत्येक स्टेशन के यार्ड में ट्रेन के आते ही लाइन बदलना पड़ता है। लाइन बदलने के लिए जहां प्वाइंट होते हैं, वहां पतली रेलवे लाइन होती है, जिसे रेलवे की भाषा में कांटा कहा जाता है। सहारनपुर-मुरादाबाद-लखनऊ रेल मार्ग पर 45 स्टेशनों पर 50 किलो भार वाले कांटे लगे हुए हैं। इससे स्टेशन के यार्ड में ट्रेन के आते ही ट्रेनों की गति घटकर 30 किलो मीटर प्रतिघंटा हो जाती है। ट्रेनों की गति कम करने और सौ किलोमीटर की गति पकड़ने में न्यूनतम 15 मिनट का अतिरिक्त समय लगता है। इससे ट्रेनों की गति औसत सौ के स्थान पर 65 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाती है। मुरादाबाद रेल मंडल में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 45 स्टेशनों का कांटा बदलने का लक्ष्य है। नए कांटे में 60 किलो भार वाली पटरी लगाई जाएगी। इससे ट्रेनें स्टेशन से सौ की गति से दौड़ती हुई जाएंगी। इस व्यवस्था के बाद इस मार्ग पर ट्रेनों की औसत गति 65 से बढ़कर 90 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी। कांटा बदले में एक करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है। प्रवर मंडल अधीक्षण अभियंता (समन्वय) नीरज कुमार ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में रेल मार्ग बदलने का काम किया है। चालू वित्तीय वर्ष में 45 स्टेशनों का कांटा बदलने का लक्ष्ण निर्धारित किया गया है। मार्च 2022 तक कांटा बदलने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद सहारनपुर-लखनऊ रेल मार्ग पर ट्रेनों की औसत गति बढ़ जाएगी।
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