Indian Railways : राजधानी-शताब्दी में पहले की तरह यात्रियों को मिलेगा खाना, कल हो सकती है बैठक
Railway Rajdhani-Shatabdi food facility रेलवे बोर्ड के आदेश को लागू करने के लिए आइआरसीटीसी के अधिकारी बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को बैठक हो सकती है। इसमें अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Railway Rajdhani-Shatabdi food facility : राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस के यात्रियों को कोरोना महामारी से पहले की तरह खाना शीघ्र मिलने की संभावना है। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) बोर्ड की बैठक सोमवार को हो सकती है। इसमें ट्रेनों में खाना उपलब्ध कराए जाने को लेकर फैसला लिया जाना है।
रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को आइआरसीटीसी को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि कोरोना संक्रमण कम होने के बाद सरकार ने होटल व रेस्टोरेंट खोलने का आदेश दिया है। इसी के आधार पर प्लेटफार्म के कैंटीन में तैयार खाने की बिक्री की जा रही है। कोरोना संक्रमण के कारण एक जून 2020 से ट्रेन के भोजन यान (पेंट्रीकार) में खाना बनाने पर रोक लगा दी गई थी। केवल डिब्बा बंद खाना बेचने का आदेश दिया गया है। राजधानी व शताब्दी में यात्रियों को रेलवे द्वारा खाना उपलब्ध कराया जाता था, उसे भी बंद कर दिया गया है। लिहाजा ब्रांडेड कंपनी का डिब्बा बंद खाना यात्रियों को खरीद कर खाना पड़ता है। आइआरसीटीसी को आदेश दिया गया है कि कोरोना से पहले की तरह भोजन यान में ताजा खाना तैयार कर यात्रियों को उपलब्ध कराएं। राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में भी पहले की तरह यात्रियों को खाना उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। रेलवे बोर्ड के आदेश को लागू करने के लिए आइआरसीटीसी के अधिकारी बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को बैठक हो सकती है। बैठक में ट्रेन के भोजन यान में कब से तैयार खाने की बिक्री की जाए, कोविड के नियम का पालन कैसे कराया जाए, इस पर विचार किया जाएगा। राजधानी व शताब्दी के यात्रियों के लिए बीच रास्ते में बेस किचन बनाया जाता है, यहां खाना तैयार किया जाता है और दोनों ट्रेन के भोजन यान कर्मियों को उपलब्ध कराया जाता है। भोजन यान के कर्मचारी खाने को गर्म कर यात्रियों को उपलब्ध कराते हैं। आइआरसीटीसी के अधिकारी अमित राणा ने बताया कि आइआरसीटीसी मुख्यालय से आदेश मिलने के बाद ट्रेनों के भोजन यान में खाना बनाकर बेचने की व्यवस्था की जाएगी।