Indian Railways : कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की मिली स्वीकृति, मंडल रेल प्रशासन ने शुरू की तैयारी
Railway Kotdwar-Najibabad Electric Engine Train Operation Permitted मुरादाबाद रेल मंडल के कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन संचालन शुरू हो जाएगा। सीआरएस ने इसकी अनुमति दे दी है। इसके बाद से मंडल रेल प्रशासन तैयारियों में जुट गया है।
मुरादाबाद, जेएनएन। Railway Kotdwar-Najibabad Electric Engine Train Operation Permitted : एक साल से अधिक समय तक इंतजार करने के बाद मुरादाबाद रेल मंडल के कोटद्वार-नजीबाबाद रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति मिल गई है। सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस में शीघ्र ही डीजल इंजन हटाकर इलेक्ट्रिक इंजन लगाकर संचालन शुरू किया जाएगा।
मुरादाबाद रेल मंडल के नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच 27 किलोमीटर रेल मार्ग पर दिसंबर 2019 में विद्युतीकरण का कार्य पूरा हो चुका था। कमिश्नर रेलवे आफ सेफ्टी (सीआरएस) ने जनवरी 2020 में इस मार्ग का निरीक्षण किया था और विद्युतीकरण के कार्य में कई कमी बताई थी। इस पर विद्युतीकरण संगठन के अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इसके कारण इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं मिली थी। रेलवे मंत्री ने फरवरी में कोटद्वार-दिल्ली के बीच जनशताब्दी एक्सप्रेस चलाने का उदघाटन किया था और घोषणा की थी कि पहली अप्रैल से नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलनी शुरू हो जाएगी। उदघाटन के बाद सिद्धबली जनशताब्दी एक्सप्रेस को डीजल इंजन से चलाया जा रहा है। रेलवे मंत्री की घोषणा के बाद उत्तर रेलवे मुख्यालय, विद्युतीकरण संगठन के अधिकारी सक्रिय हो गए। 15 मार्च तक अधूरे काम को पूरा कर लिया और उत्तर रेलवे मुख्यालय के मुख्य विद्युत अभियंता ने टीम के साथ नजीबाबाद से कोटद्वार के बीच निरीक्षण किया। इस दौरान अधूरे काम को पूरा होना पाया गया। इसकी रिपोर्ट के बाद सीआरएस ने नजीबाबाद-कोटद्वार के बीच इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की आदेश दे दिए। इस आदेश के बाद मंडल रेल प्रशासन ने इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि सिद्धबली एक्सप्रेस दो-तीन दिन में डीजल इंजन के बजाय इलेक्ट्रिक इंजन से चलनी शुरू हो जाएगी। सहायक वाणिज्य प्रबंधक नरेश सिंह ने बताया कि कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच इलेक्ट्रिक इंजन द्वारा ट्रेन चलाने की अनुमति मिल गई है। अभी तक बालामऊ-सीतारपुर-ऊन्नाव रेल मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाने की अनुमति नहीं मिली है।
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