Indian Railways : रेलवे की सख्ती के बाद ट्रेन से बाहर बाइक भेजने से कतरा रहे लोग, मोटरसाइकिल बुक कराने वाले एक शख्स को जाना पड़ा था जेल
ट्रेनों के पैंट्रीकार कोच में आग से बचाव के लिए क्या उपाय है इसकी जांच की जा रही है। जांच में स्लीपर कोच और जनरल बोगी में आग बुझाने के क्या संशाधन मौजूद हैं इसकी जानकारी की जा रही है।
मुरादाबाद, जेएनएन। रेल प्रशासन की सख्ती के बाद यात्रियों ने ट्रेन से मोटरसाइकिल भेजने से तौबा करना शुरू कर दिया है। इससे मोटरसाइकिल बुक कराने वालों की संख्या काफी कम हो गई है। देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस कोच में आग लगने के बाद रेल प्रशासन ने आग से बचाव के लिए सुरक्षा इंतजाम परखने के लिए अभियान चला रखा है। इसके तहत ट्रेनों के पैंट्रीकार, कोच में आग से बचाव के लिए क्या उपाय है, इसकी जांच की जा रही है। जांच में स्लीपर कोच और जनरल बोगी में आग बुझाने के क्या संशाधन मौजूद हैं, इसकी जानकारी की जा रही है। इसके साथ ही रेल अधिकारी ट्रेन में माल बुक करने वाले पार्सल आफिस का भी निरीक्षण कर रहे हैं।
पिछले दिनों मंडल रेल प्रबंधक तरुण प्रकाश ने पार्सल आफिस की चेकिंग की थी। ट्रेन से मोटर साइकिल बाहर भेजने के लिए कुछ लोगों में बुकिंग करा रखी थी। इस दौरान जांच में एक मोटरसाइकिल में दो सौ मिली लीटर पेट्रोल मिला था। आरपीएफ ने बाइक बुक करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था। मोटर साइकिल बुक कराने वाले यात्री को दो दिन तक जेल में रहना पड़ा था। दो दिन बाद जमानत कराकर वह जेल से बाहर आया। इस घटना की चर्चा हर जगह होनी शुरू हो गई है। इसके बाद ट्रेन से बाइक भेजने वालों ने तौबा करना शुरू कर दिया है। इस घटना के पहले प्रत्येक दिन 10 मोटर साइकिल बाहर भेजने के लिए बुक की जाती थी। अब इसकी संख्या घटकर दो रह गई है। मोटर साइकिल बुक कराने आने वालों को टंकी खाली कराने के बाद इंजन का भी पेट्रोल सुखाना पड़ता है।
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