कोरोना के साथ जीने के लिए बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने आयुष्मान इंडिया-2020 के तहत मुरादाबाद में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में ठीक होने वालों की संख्या सबसे अच्छी है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 17 Dec 2020 04:24 PM (IST) Updated:Thu, 17 Dec 2020 04:24 PM (IST)
कोरोना के साथ जीने के लिए बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
दैनिक जागरण द्वारा आयोजित आयुष्मान इंडिया-2020 सिटी कान्क्लेव में जुटे विशेषज्ञ डॉक्टर।

मुरादाबाद, जेएनएन। दैनिक जागरण की ओर से कांठ रोड स्थित कार्यालय में डाबर स्ट्रेसकाम के सहयोग से बुधवार को आयोजित आयुष्मान इंडिया-2020 सिटी कान्क्लेव में विशेषज्ञों ने एक स्वर में कहा कि लोग कोरोना से बचाव के बारे में जान चुके हैं। सब कुछ जानने के बाद भी लोग मानने को तैयार नहीं है। बाजार, घनी आबादी वाले क्षेत्र और गांवों में लापरवाही दिखाई दे रही है। कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल को बदलना होगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने आयुष्मान इंडिया-2020 के तहत मुरादाबाद में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य क्षेत्र की चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मुरादाबाद में ठीक होने वालों की संख्या सबसे अच्छी है। संक्रमित होने वालों में ठीक होने वालों की संख्या भी बहुत है। वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया कि संक्रमण से ठीक होने के बाद भी फेफड़ों पर असर रहता है। हृदय भी इससे अछूता नहीं है। वैक्सीन के बाद भी कोरोना की चुनौतियां होंगी। वैक्सीन उन लोगों के लगनी चाहिए। जो हाईरिस्क में हैं और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दिशांतर गोयल ने कोरोना के बाद होने वाले मानसिक रोग की चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कई लोगों को हर समय यही डर रहता है कि कहीं कोरोना न हो जाए। किसी भी चीज को छूने के बाद बार-बार हाथ धो रहे हैं। आदत ठीक है लेकिन, मानसिक स्तर पर तनाव न लिया जाए। अतिथियों का स्वागत इनपुट हेड प्रेमपाल सिंह ने जताया। इसमें दैनिक जागरण विज्ञापन प्रबंधक कैलाश सती, डाबर स्ट्रेसकाम के क्षेत्रीय प्रबंधक विजय कुमार त्रिवेदी, आशीष प्रताप सिंह, देव शंकर डबराल, सौरभ सिंह आदि रहे।

बनाए रखें शारीरिक दूरी, मास्क है जरूरी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमसी गर्ग ने बताया कि कोरोना संक्रमण के साथ जीना है। इसके लिए शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। बिना मास्क के घर से बाहर नहीं निकलें। जिले में अभी वैक्सीन नहीं आई है। वैक्सीन लगने के बाद भी सावधानी बरतनी होगी। परिवार के लिए आपको सुरक्षित रहना होगा। इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं बरतें। अभी भी लोगों की भीड़ बाजार में बिना मास्क के दिखाई देती है। देखकर हैरानी होती है कि क्यों ये लोग नहीं समझ रहे कि कोरोना संक्रमण खत्म नहीं हुआ है।

इलाज में न हो देरी, वरना होगी मुश्किल

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुराग मेहरोत्रा ने बताया कि कोरोना का असर हृदय और फेफड़ों पर पड़ रहा है। कोरोना समाप्त होने के बाद भी इसका असर पड़ेगा। इसलिए कोरोना के लक्षण पहचानने के बाद फौरन ही परीक्षण कराएं। देरी से इलाज करने पर दिक्कत हो सकती है। कोरोना की वजह से लोगों में स्वच्छता का नजरिया बदला है। स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरा प्रयास किया है। सभी लोगों को जागरूक रहना है। शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना है। मास्क लगाना है।

मन में नहीं आने दें नकारात्मक विचार

मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. दिशांतर गोयल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद भी लोग वहम का शिकार हो रहे हैं। कोरोना की वजह से मानसिक परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं। इसका असर कोरोना के बाद भी नजर आएगा। इसके लिए हर एक व्यक्ति को सोचना होगा। मानसिक दिक्कत होने पर फौरन डॉक्टर से बात करें। बार-बार कोरोना के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है। मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ी तो ये दिक्कत मानसिक महामारी का रूप न ले ले।

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