खनन कारोबार में दंपती ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को लगाया लाखों रुपये का चूना, जानें रामपुर का क्‍या है यह मामला

एडीजी बरेली से की शिकायत। खनन का पट्टा स्वार तहसील के भूबरा एहमतमाली गांव में था। आरोप है कि उन्होंने पार्टनर को 16 जनवरी 2018 को 12 लाख रुपये 17 जनवरी को नौ लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा से डिमांड ड्राफ्ट द्वारा और 18 जनवरी को 15 लाख रुपये दिए।

By Narendra KumarEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 11:50 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 11:50 AM (IST)
खनन कारोबार में दंपती ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को लगाया लाखों रुपये का चूना, जानें रामपुर का क्‍या है यह मामला
खनन कारोबार में दंपती ने पूर्व ब्लाक प्रमुख को लगाया लाखों रुपये का चूना।

रामपुर, जेएनएन। पूर्व ब्लाक प्रमुख शाहबाद सुमित कुमार सागर ने खनन कारोबार में पार्टनर दंपती पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। इस संबंध में एडीजी बरेली को प्रार्थना पत्र देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

पटवाई थाना क्षेत्र के ग्राम खिरका निवासी श्री सागर ने प्रार्थना पत्र में कहा है कि खनन कारोबार में चाऊपुरा मसवासी के दंपती के साथ वह पार्टनर थे। खनन का पट्टा स्वार तहसील के भूबरा एहमतमाली गांव में था। आरोप है कि उन्होंने पार्टनर को 16 जनवरी 2018 को 12 लाख रुपये, 17 जनवरी को नौ लाख रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा से डिमांड ड्राफ्ट द्वारा और 18 जनवरी को आइसीआइसीआइ बैंक द्वारा 15 लाख रुपये दिए। दोनों पार्टनर ने आज तक न तो रकम वापस की और न ही मुनाफा दिया। कुछ दिन पहले पंचायत हुई, जिसमें आरोपितों ने उनकी मां सरोज देवी के खाते में दो लाख रुपये दिए और प्रार्थी के खाते में साढ़े छह लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद दोनों की नीयत में बेईमानी आ गई और बाकी रकम नहीं दी। उन्हें लगातार आश्वासन देते रहे। बाद में धमकी देने लगे। 23 फरवरी 2020 को शाम पांच बजे वह दिल्ली से रामपुर लौटे तो रास्ते में दोनों पार्टनर सिविल लाइंस थाने के पास मिले। उनके साथ दो अन्य लोग थे। उन्होंने बकाया रकम देने को कहा तो वे आग बबूला हो गए। गाली देने लगे। विरोध जताया तो उनके साथ आए दो लाेगों ने मारपीट शुरू कर दी। जाति सूचक शब्द कहने लगे। शोर मचाने पर लोग आ गए तो आरोपित जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। सिविल लाइंस कोतवाली में सूचना दी। पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर घर भेज दिया। मेडिकल मुआयना नहीं कराया और रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में वह खुद ही जिला अस्पताल जाकर मेडिकल कराया। उन्होंने आरोपितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और बकाया रकम दिलाने की मांग की है।

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