जिस बेटी की हत्या में पिता-भाई समेत तीन ने काटी जेल, वह अपने प्रेमी के घर में जिंदा मिली, 11 पर मुकदमा
Jail for murder of alive daughter पिता-भाई व रिश्तेदार द्वारा किशोरी को गोली मारकर हत्या कर शव को गंगा में बहाने का आरोपित बनाया था। प्रेस कांफ्रेंस द्वारा घटना का पर्दाफाश किया गया था। पुलिस ने मौके से मृतका के कपड़े तमंचा व कारतूस भी बरामद दिखाया था।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Jail for murder of alive daughter : प्रेमी संग लापता हुई किशोरी की हत्या के आरोप में पिता-भाई समेत तीन लोगों को जेल भेजने के मामले में अदालत ने आदमपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा समेत 11 पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया है। बाद में किशोरी प्रेमी के घर जिंदा मिली थी तथा शादी भी कर चुकी थी। इसके बाद जेल में बंद स्वजन को रिहाई मिली थी।
बीती 20 फरवरी 2019 को अमरोहा के आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव मलकपुर निवासी सुरेश कुमार की नाबालिग बेटी कमलेश लापता हो गई थी। उनके बेटे रूपकिशोर ने होराम, हरफूल, खेमवती, जयपाल व सुरेंद्र सिंह के खिलाफ बहला-फुसला कर ले जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने होराम व हरफूल को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। विवेचना प्रचलित थी। तत्कालीन एसपी डाॅ विपिन ताडा ने इस मामले की विवेचना आदमपुर के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा को सौंपी थी। उन्होंने मई 2019 में इस घटना का अनोखा पर्दाफाश किया था। पिता-भाई व रिश्तेदार द्वारा किशोरी को गोली मारकर हत्या कर शव को गंगा में बहाने का आरोपित बनाया था। प्रेस कांफ्रेंस द्वारा घटना का पर्दाफाश किया गया था। पुलिस ने मौके से मृतका के कपड़े, तमंचा व कारतूस भी बरामद दिखाया था। तीनों को जेल भेज दिया गया था। परंतु बाद में सात अगस्त 2020 को कमलेश पास के गांव पौरारा में जीवित मिली थी। उसने गांव के प्रेमी राकेश सैनी से प्रेम विवाह कर लिया था तथा उनके परिवार में बेटा भी था। युवती के जिंदा मिलने के बाद पुलिस की कार्यशैली खुलकर सामने आ गई थी। काफी किरकिरी हुई थी। कमलेश ने भी अदालत में पेश होकर बयान दर्ज कराए थे। हालांकि तत्कालीन एसपी डा विपिन ताडा ने फर्जी पर्दाफाश करने वाले कोतवाल अशोक शर्मा को सस्पेंड कर दिया था। उसके बाद अदालती कार्रवाई पूरी होने पर कमलेश के पिता सुरेश कुमार 11 माह, भाई रूपकिशोर नौ माह तथा रिश्तेदार देवेंद्र सिंह को 15 माह बाद जेल से रिहा किया गया था। जेल से छूटने के बाद सुरेश कुमार ने उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसाने वाले प्रभारी निरीक्षक समेत 14 पुलिस कर्मियों के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत याचिका दायर की थी। इसमें तत्कालीन एसपी डा विपिन ताडा, तत्कालीन एसडीएम विजय शंकर व तत्कालीन सीओ कुलदीप कुकरेती को भी आरोपित बनाया था। अदालत ने इस मामले में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक समेत 11 पुलिस कर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिया है। जबकि तत्कालीन एसपी, एसडीएम व सीओ के खिलाफ कोई साक्ष्य न होने से उन पर लगाए गए आरोप खारिज कर दिए। अधिवक्ता कुलदीप चौधरी ने बताया कि अदालत ने आदमपुर पुलिस को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है।
यह हैं आरोपित पुलिस कर्मी :
1-तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार शर्मा,
2-एसआइ मोहम्मद आरिफ
3-एसआइ राकेश कुमार
4-एसआइ विनोद कुमार
5-एसआइ मनोज कुमार
6-सिपाही भूपेंद्र सिंह
7-सिपाही कृष्णवीर सिंह
8-सिपाही अनिरुद्ध
9-सिपाही दीपक कुमार
10-महिला सिपाही अपेक्षा तोमर
11-महिला सिपाही निधि